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क्या कांग्रेस सिर्फ 9 राज्यों में ही साथी दलों के साथ गठबंधन करेगी ?

Politics News: आगामी लोकसभा चुनाव में दो गठबंधन के बीच लड़ाई होनी है। एक तरफ सत्तारूढ़ एनडीए होगा तो दूसरी तरफ 28 दलों का गठबंधन इंडिया होगा। दोनों गठबंधन इस जुगत में है कि कैसे एक दूसरे को मत दिया जाए। बीजेपी की कोशिश यही है कि किसी भी सूरत में फिर से अगला लोकसभा चुनाव जीता जाये हालांकि इंडिया गठबंधन की कोशिश यही है कि बीजेपी को सत्ता से दूर किया जाए। सत्ता पाने की यह लड़ाई किस मुकाम तक पहुँचती है यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी कांग्रेस की बढ़ी हुई है। इंडिया गठबंधन के अधिकतर क्षेत्र कई राज्यों में काफी मजबूत हैं और बीजेपी के मुकाबले में है। इन क्षेत्र दलों की कोशिश यही है कि जहां उनकी राजनीति मजबूत है वहां किसी भी दल को कम सीटें दी जाए। कह सकते हैं कि कांग्रेस को सीट देने से कई दल परहेज कर रहे हैं। ऐसे ही राज्य हैं -बिहार ,महाराष्ट्र ,उत्तरप्रदेश ,बंगाल और झारखंड। इन सभी राज्यों में वहां के क्षेत्र दल काफी मजबूत हैं। यूपी में अखिलेश यादव बीजेपी का मुकाबला कर रहे हैं जबकि बंगाल में ममता बनर्जी किसी भी सूरत में बीजेपी को आगे बढ़ने से रोकने में सक्षम है। इसी तरह पंजाब और दिल्ली में भी आप पार्टी काफी मजबूत है। झारखंड में झामुमो काफी मजबूत है।

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कांग्रेस की मुश्किल तो बढ़ी हुई है। हालांकि कांग्रेस किसी भी सूरत में अभी गठबंधन को बनाये रखना चाहती है। कांग्रेस जानती है कि अगर गठबंधन टुटा तो आने वाले समय में उसकी परेशानी और भी बढ़ सकती है। तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के भीतर की मुश्किलें और बढ़ी है। ऐसे में कांग्रेस की कोशिश यही है कि उन राज्यों पर ही मजबूती से लड़ा जाए जहाँ उनकी सीटें निश्चित हो सकती है। अब खबर मिल रही है कि कांग्रेस 9 राज्यों में गठबंधन को आगे बढ़ाएगी। इसकी रूपरेखा भी तैयार हो गई है। सीट शेयरिंग को लेकर जो खाका तैयार हुआ है उसकी एक रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के पास पहुँच गई है। कहा जा रहा है कि बुधवार को इस पर बड़ा फैसला हो सकता है। जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस 9 राज्यों में ही गठबंधन को आगे बढ़ाने को तैयार है। इस मामले में प्रदेश की इकाइयों से बात भी चल रही है। प्रदेश की इकाई के बाद साथी दलों से सीट बंटवारे पर बात की जाएगी। जिन राज्यों में कांग्रेस साथी दलों से गठबंधन कर सकती है वे राज्य हैं -जम्मू कश्मीर ,दिल्ली ,यूपी ,बिहार ,झारखंड ,बंगाल ,महाराष्ट्र ,केरल और तमिलनाडु। हालांकि कांग्रेस चाहती है कि आप के साथ पंजाब में भी गठबंधन हो लेकिन जिस तरह से आप जिद्द पर कड़ी है ऐसे में पंजाब में सीट शेयरिंग होना मुश्किल है।

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दक्षिण के राज्यों में और साथी दलों की पहुँच नहीं है इसलिए कांग्रेस कर्नाटक ,तेलंगाना ,तमिलनडु ,केरल और आँध्रप्रदेश में वहां के दलों के साथ गठबंधन कर आगे बढ़ेगी। दक्षिण से कांग्रेस को काफी उम्मीद है। कांग्रेस इस जुगत में हैं उसे किसी भी सूरत में डेढ़ सौ से ज्यादा सीटें मिले। इसके लिए दक्षिण के राज्यों पर उसका ज्यादा जोड़ भी है। इधर उत्तर भारत इंडिया गठबंधन के साथ जो भी सीट उसे देगी उस पर ही कांग्रेस आगे बढ़ेगी। दक्षिण को मजबूत करने के लिए कांग्रेस वाईएसआर शर्मिला को अपनी पार्टी में ला रही है। शर्मीला आँध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी की बहन है। तेलंगाना के चुनाव में भी शर्मीला ने कांग्रेस का साथ दिया था। उसकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ी और उसने कांग्रेस क समर्थन दिया। कांग्रेस को इसका लाभ भी मिला। अब कांग्रेस शर्मीला के जरिये आँध्रप्रदेश को भी साधने को तैयार है। शर्मीला को राज्य सभा में भेजने की तैयारी भी चल रही है और उम्मीद है कि इसी हफ्ते शर्मीला को कांग्रेस में शामिल कर लिया जाए। कांग्रेस जानती है कि अगर इस लोकसभा चुनाव से वह चूक जाती है तो पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है। वह किसी भी सूरत में अपनी ताकत को बढ़ाने को तैयार है और बीजेपी को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रही है। यही वजह है कि वह साथी दलों के साथ कोई मनमुटाव सीट शेयरिंग पर नहीं करना चाहती। उसका लक्ष्य एक ही है कि सब मिलकर चुनाव लड़े। कांग्रेस जानती है कि पूरा गठबंधन एक साथ मजबूती से चुनाव लड़ता है तो उसके परिणाम सुखद हो सकते हैं। लेकिन अभी सबकी निगाहें यूपी ,महाराष्ट्र और बंगाल के साथ ही बिहार पर टिकी हैं। जहां साथी दलों के साथ उसकी बैठक होनी है और सीट बंटवारे पर बात होगी।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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