Latest Political News Bihar: क्या नीतीश कुमार एक बार फिर लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बिहार के मुख्यमंत्री पद से देंगे इस्तीफा?
Will Nitish Kumar once again resign from the post of Chief Minister of Bihar after the Lok Sabha election results?
Latest Political News Bihar: अगर राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं पर यकीन किया जाए तो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बिहार के मुख्यमंत्री पद (Chief Minister post of Bihar) से “बहुत जल्द” इस्तीफा (resign) दे सकते हैं। कुछ लोगों ने “बहुत जल्द” की समय-सीमा “लगभग तीन सप्ताह” बताई है, जबकि अन्य लोग इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं करना चाहते। लेकिन अगर नीतीश कुमार वाकई इस्तीफा देते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि “पल-पलटवार के बादशाह” एक बार फिर राज्य में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और कांग्रेस (Congress) से हाथ मिला लेंगे? आखिरकार, 2013 से, जब उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) में जनता दल (यूनाइटेड) के 17 साल के कार्यकाल को समाप्त किया, तब से पर्यवेक्षकों (Observers) का कहना है कि वे राजनीतिक रूप से उतार-चढ़ाव वाले व्यवहार कर रहे हैं। इसलिए यह सवाल अनुचित नहीं होगा।
लेकिन जो लोग उनके “इस्तीफे” पर चर्चा कर रहे हैं, उनका कहना है कि अतीत के विपरीत, उम्रदराज जेडी(यू) नेता एनडीए के साथ जुड़े रहेंगे। एक वर्ग का मानना है कि वे बिहार में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री (Bharatiya Janata Party Chief Minister) का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जिसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Deputy Chief Minister Samrat Choudhary) संभावित उम्मीदवार होंगे, जो कोइरी जाति (Koiri caste) से हैं और नीतीश कुमार की तरह ओबीसी (OBC) भी हैं। वे जोर देते हैं कि इस बार नीतीश कुमार को एनडीए में शामिल करने के लिए यही शर्त रखी गई थी। आखिरकार, सीट बंटवारे के समझौते से पहले ही यह पता चल गया है कि बड़ा भाई कौन है – भाजपा ने 17 लोकसभा क्षेत्रों में और जेडी(यू) ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा है।
हालांकि, पूछे जाने पर भाजपा या जेडी(यू) में से किसी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। इसके बजाय, अधिकांश इसे “अफवाह” बताकर खारिज कर देते हैं। लेकिन रविवार को नीतीश कुमार के नई दिल्ली पहुंचने के साथ ही यह “अफवाह” हर घंटे जोर पकड़ती जा रही है।
सोमवार सुबह, वे 7 लोक कल्याण मार्ग (Lok Kalyan Marg) पहुंचे। नीतीश कुमार बाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से भी मिलने वाले हैं।
कोई इसे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच शिष्टाचार मुलाकात (courtesy meeting) कह सकता है, लेकिन समय अफवाह फैलाने वालों को बढ़ावा देता है। यह उस दिन हुआ जब भाजपा ने अपने सभी उम्मीदवारों को पांच पन्नों का एक फॉर्म भेजा था जिसे भरकर पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा (Party Chief JP Nadda) को वापस करना था, ताकि मोदी सरकार 3.0 के लिए मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) के सदस्यों का चयन किया जा सके। यह कवायद रविवार को पीएम मोदी, शाह और नड्डा के बीच हुई बैठक के बाद शुरू हुई।
क्या इसका मतलब यह है कि नीतीश कुमार मोदी कैबिनेट (modi cabinet) में शामिल होंगे?
भाजपा के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “ये पूरी तरह से अटकलों के दायरे में हैं। मैं इसमें नहीं पड़ूंगा। लेकिन हां, भाजपा अगला विधानसभा चुनाव (assembly elections) नीतीश कुमार के नेतृत्व में या समान ताकत के आधार पर नहीं लड़ेगी। नीतीश बाबू बूढ़े हो रहे हैं और उनका व्यक्तित्व पहले जैसा नहीं रहा।” भाजपा सूत्र ने नीतीश कुमार के लिए धीरे-धीरे राजनीतिक सूर्यास्त (Political sunset) का सुझाव दिया।