Politics On Ram Mandir: रामलला के मंदिर नहीं जाएंगे, लेकिन ‘टीपू’ भईया रामभक्तों से वोट मांगेगे!
Politics On Ram Mandir: जिस अयोध्या के नाम से कल तक विपक्ष खामोश रहता था, मिर्ची लगती थी…आज उसी फैजाबाद में विजय क्या हासिल करली…मानो ऐसा लगता है जैसे देश को ही फतह कर लिया हो।अब विपक्ष की जुबान पर अयोध्या-अयोध्या है ।अखिलेश यादव समेत पूरा विपक्ष अयोध्या को इसलिए उठा रहा है क्योंकि वहां बीजेपी की हार हुई और समाजवादी पार्टी का चुना गया ।अखिलेश यादव अयोध्या पर बोल ही रहे थे…तभी अयोध्या के SP सांसद अवधेश प्रसाद अखिलेश के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए । विपक्ष में अयोध्या के सांसद की इन दिनों बहुत पूछ है…उन्हें विपक्ष की कतार में सबसे आगे जगह मिली है।
जब अखिलेश यादव अयोध्या पर बोल रहे थे…तो उनके पीछे से सांसदों की हंसी ठहाके की आवाज आ रही थी। एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने भी लोकसभा में अयोध्या का जिक्र किया था..अवधेश प्रसाद से हाथ मिलाया था । राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर राहुल गांधी…बीजेपी हमलावर रहे हैं । रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या के लोगों को नहीं बुलाया गया था।
राहुल ने प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या के लोगों को नहीं बुलाने का जिक्र किया है…लेकिन खुद उनकी ही पार्टी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार किया था । निमंत्रण मिलने के बावजूद कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाई थी..यहां तक कि राहुल भी अभी तक राम मंदिर नहीं गए हैं ।अखिलेश यादव राम मंदिर और अयोध्या पर बीजेपी को घेर रहे हैं…लेकिन अभी तक वो भी रामलला के दर्शन नहीं कर पाए हैं ।
18 मई को अखिलेश चुनावी रैली करने अयोध्या गए थे..लेकिन मंदिर नहीं गए थे ।
लोकसभा में जब अखिलेश अयोध्या पर बोल रहे थे…उनके पीछे से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के लिए जय अवधेश के नारे लगाए जा रहे हैं । अयोध्या के राजा श्रीराम है…और जय भी सिर्फ श्रीराम की ही होनी चाहिए । माना जा रहा था कि भव्य राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या पर सारा विवाद समाप्त हो गया है..लेकिन ऐसा हुआ नहीं । चुनाव नतीजे आने के बाद एक बार फिर से श्रीराम की नगरी को राजनीति का मोहरा बन दिया गया है ।