Security breach in Parliament: आज से ठीक 22 साल पहले लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर आतंकी हमला हुआ था, हर ओर चीख पुकार मची हुई थी, गोलियों की तड़तड़ाहट से संसद गूंज उठी थी। 7 सैनिकों सहित 9 लोगों की मौत हो गई थी। तब भी सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हुए थे।
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दरअसल आपको बता दें कि 13 दिसंबर 2002 यही वो तारीख थी जब संसद खून से रंग दी थी। 9 लोगों की मौत हो गई थी। अब से 22 साल पहले जो हुआ था आज एक बार फिर से वही हुआ। बस राहत की बात ये है कि आज कोई नुकसान नहीं हुआ। लोकसभा में आज ऐसी चूक हुई है, जिसकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी। विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेता जमकर बहस कर रहे थे। सदन में सांसद मौजूद थे, लेकिन तभी दो युवक संसद की कार्य़वाही के दौरान अंदर घुस गए। दोनोंआ आरोपियों को पकड़ने के लिए पीछे से सुरक्षाकर्मी चिल्लाते हुए आ रहे थे पकड़ो-पकड़ो। दोनों आरोपी स्पीकर की ओर जा रहे थे और नारे लगा रहे थे कि तानाशाही नहीं चलेगी नहीं चलेगी। हालांकि राहत की खबर ये रही की दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
सैकड़ों सवालों का जवाब कौन देगा ?
वैसे तो आज देश हाईअलर्ट पर है, और खास तौर पर संसद में तो विशेष सुरक्षा है, क्योंकि आज से 22 साल पहले वो अनहोनी हुई थी, जिसके जख्म आज भी नहीं भरे हैं। लेकिन उसके बाद भी अगर इतनी बड़ी चूक हो जाती है तो सवाल उठना लाजमी है। सवाल ये कि अगर कोई अनहोनी हो जाती तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होता, आखिर इतनी बड़ी चूक के लिए कौन जिम्मेदार है। हाईअलर्ट होने के बाद भी सुरक्षाकर्मी क्या कर रहे थे, संसद में तमाम तरह की सुरक्षा के दावे किए जाते हैं आखिर क्या हुआ उन दावों का। जी हां तमाम सवाल हैं, जिनका जवाब आज किसी के पास भी नहीं है।
खालिस्तानी आतंकी ने पहले ही दी थी धमकी
दरअसल आपको बता दें कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संसद पर हमले की धमकी दी थी। जिसके बाद से ही दिल्ली पुलिस अलर्ट पर थी, लेकिन साहब अलर्ट पर रहने का क्या नतीजा हुआ ये आपके सामने है। आथंकी पन्नू ने अमेरिका में रहकर भारत को धमकी दी थी, कि संसद की बरसी के दिन संसद की नींव हिला देंगे। लेकिन उसके बाद भी हमारी सुरक्षा एजेंसियां सोती रहीं और इतनी बड़ी चूक हो गई।
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चूक होने के तुरंत बाद ही 2 बजे तक के लिए लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित किया गया था, लेकिन उसके बाद कार्यवाही दोबारा से शुरू हुई तो विपक्षी नेताओं ने सवाल पूछा कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई। क्या हमारी सुरक्षा की किसी की कोई गारंटी नहीं है।