नई दिल्ली: शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने आज कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी महाराज,महन्त राजेन्द्र पूरी जी महाराज,बालयोगी ज्ञाननाथ जी महाराज,यति सत्यदेवानंद जी व यति कृष्णानंद जी के साथ कुरुक्षेत्र के जयराम विद्यापीठ आश्रम में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया।
संत मनीषियों ने श्रीकृष्ण का चरित्रहनन किया
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण व उनके द्वारा सम्पूर्ण मानवता को दिया गया ज्ञान श्रीमद्भगवद्गीता सनातन धर्म के सबसे प्रचंड प्रकाश स्तम्भ हैं।विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं के षड्यंत्रों से प्रभावित होकर हमारे अनेक संत मनीषियों ने योगेश्वर श्रीकृष्ण का चरित्रहनन करना आरंभ कर दिया.
उनके द्वारा सम्पूर्ण मानवता को दिए हुये ज्ञान श्रीमद्भगवद्गीता की मनमानी व्याख्या आरम्भ कर दी जिससे कारण सनातन धर्मावलंबियों ने श्रीमद्भगवद्गीता के मूल सिद्धांत कर्मवाद व धर्मयुद्ध को त्याग दिया और इसके स्थान पर पाखंड,चमत्कार और अकर्मण्यता को अपना लिया।जब हमने अपने धर्म को छोड़ दिया तो धर्म ने भी हमको छोड़ दिया और हम अपनी स्वतंत्रता को खोकर हर तरह से दीन हीन और मानसिक रूप से दास बन गए।हमारी मानसिक दासता ने हमारा धर्म,हमारा गौरव,हमारा वैभव और हमारा स्वाभिमान सभी कुछ हमसे छीन लिया।(यति नरसिंहानंद गिरी)
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जिहादी हमारा अस्तित्व तक मिटाने का प्रयास
अब स्थिति ये है कि इस्लाम के जिहादी हमारा अस्तित्व तक मिटाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं।अब अगर सनातन धर्मावलंबियों को स्वाभिमान और सम्मान के साथ जीवित रहना है तो उन्हें योगेश्वर श्रीकृष्ण के स्वरूप को सही तरह से समझते हुए श्रीमद्भगवद्गीता के रास्ते पर लौटना होगा।योगेश्वर श्रीकृष्ण का मार्ग यज्ञ,दान और तप का मार्ग है।सम्पूर्ण विश्व को यह मार्ग बतलाने के लिये हम एक अभियान ‘धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र’ से आरम्भ कर रहे हैं।
यह कार्यक्रम पांच दिवसीय माँ बगलामुखी महायज्ञ और दो दिवसीय श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञानयज्ञ के रूप में रहेगी।9 नवम्बर 2022 से 13 नवम्बर 2022 तक चलने वाले इस कार्यक्रम में पूरे देश से संत महात्मा और विद्वान भाग लेंगे और योगेश्वर श्रीकृष्ण के दृष्टिकोण से धर्म और अधर्म के सम्बंध में मानवीय कर्तव्य पर विचार विमर्श करेंगे।(यति नरसिंहानंद गिरी)
कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी महाराज ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की आज इस्लाम के जिहादी अपनी हठधर्मिता के कारण सम्पूर्ण मानवता को विनाश की ओर ले जा रहे हैं।ऐसे में विश्वशांति और मानवता की रक्षा का एकमात्र मार्ग केवल और केवल श्रीमद्भगवद्गीता से ही प्रशस्त होगा।धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र से आरम्भ होने वाला यह अभियान सम्पूर्ण विश्व मे पहुँचाया जाएगा जिसके प्रथम चरण में भारतवर्ष के सभी तीर्थो में यह महायज्ञ किया जाएगा और सनातन धर्म को जागृत किया जाएगा।यति नरसिंहानंद गिरी)