लखनऊ: विधानसभा सत्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव में कई बातों पर नोक-झोंक हुई। पूर्वाग्रह से ग्रस्त अखिलेश के सभी सवालों को योगी ने उन्ही की भाषा में जबाब दिया। योगी ने अखिलेश को उनका राजनीतिक कद की गरिमा को याद दिलाते हुए शिष्टाचार और व्यवहारिकता का सबक भी सिखाया।
दरअसल सपा मुखिया और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर घेरने की कोशिस में कुछ ऐसे सवाल कर दिये, जो अखिलेश की अपरिपक्वता को दिखाते हैं। अखिलेश ने पूरे उत्तर प्रदेश को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए दबिश देने नहीं, दलाली करने जाती है। पुलिस के बारे में ऐसा कहने पर मुख्यमंत्री योगी ने बड़े सलीके के साथ अखिलेश को शर्मिन्दा किया। योगी ने कहा कि आपको कानून व्यवस्था को लेकर सरकार से सवाल जवाब करने का अधिकार है, लेकिन आप (अखिलेश) मुख्यमंत्री रह चुके हैं, आपको पता होना चाहिए कि कोई ऐसा सवाल उठाना चाहिए कि जिससे पुलिस को मनोबल कमजोर हो।
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अखिलेश यादव ने जब भाजपा सरकार में महिलाओं पर बढते अपराधों पर सवाल किया तो इसक बड़ा ही सटीक जवाब देकर अखिलेश की बोलता बंद कर दी। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार में लड़कों से गलती नहीं होती। योगी ने कहा कि जब 2017 में जब हमारी सरकार बनी थी तो आजमगढ में जहरीली शराब कांड हुआ था, जब सरकार ने मामले की तह तक जाने के लिए जांच करायी तो उसमें एक समाजवादी पार्टी का नेता ही इस कांड में निर्दोष लोगो की मौत का जिम्मेदार निकला। हालांकि मुख्यमंत्री ने अपने पद की गरिमा का ध्यान रखते उस सपा नेता के नाम बताने से गुरेज किया।
योगी ने अखिलेश के हर सवाल पर ऐसा पलटवार किया कि सपा मुखिया से कुछ कहते न बना। अखिलेश के चेहरे पर हवाईयां सी उड़ने लगी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके हर सवाल का जवाब देने के साथ-साथ उन्हें पद की गरिमा के अनुरुप व्यवहार करने और शिष्टाचार का सबक भी सिखाया।