Manish Kashyap Released From Jail: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को 9 महीने बाद बेउर जेल से रिहा किया गया है. यूट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) पटना की बेउर जेल में 9 महिने से बंद थे. पटना हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को बेउर जेल से रिहा कर दिया गया है. आपको बता दें कि यूट्यूबर मनीष कश्यप को पहले तमिलनाडु ले जाना था लेकिन पटना सिविल कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में ही रखा गया.
मनीष कश्यप (Manish Kashyap) के बेउर जेल से निकलते ही बड़ी संख्या में समर्थकों ने उन्हें घेर लिया. समर्थकों ने मनीष कश्यप ( Manish Kashyap) को फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया. इस दौरान मनीष ने बिहार सरकार पर जोरदार निशाना साधा. मनीष कश्यप ( Manish Kashyap) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार में कंस की सरकार चल रही है. मेरे खिलाफ साजिश की गई थी. साजिश करके मुझे फंसाया गया था इसी वजह से मैं 9 महीने जेल में रहा. बिहार में बहुत सारे कंस हैं. मनीष ने कहा कि भगवान कृष्ण ने जेल में जन्म लिया था.
मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने कहा कि ये 9 महिने जेल कि सजा मुझे कोर्ट ने नहीं दी थी बिहार के नेताओं ने दी थी. मेरे ऊपर NSA लगा दिया गया था. जिसको कोर्ट ने अब हटा दिया है. भीड़ को देखते हुए मनीष कश्य ने कहा कि ये जो भीड़ मौजूद है मैं इनकी आंखों की उम्मीद पूरा करूंगा. मेरे भाग्य में जो भी होगा, वो देखा जाएगा. राजनीति में आने के सवाल पर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने कहा कि अगर भाग्य में होगा तो देखा जाएगा. इन लोगों के बीच मैं पत्रकारिता करूंगा. बिहार को मुझे बदलना है.
मनीष कश्यप ( Manish Kashyap) ने आगे कहा कि मैं इतना बड़ा बिहार का अपराधी हूं कि मेरे दादा जी के नाम पर घर की कुर्की कर दी गई. बिहार में कंस की सरकार है कुछ भी कर सकती है. कंस की सरकार मुझ पर फिर से कार्रवाई कर सकती है. मैं अभी जेल से निकला हूं यहां पर कोई ट्रैफिक क्लियर नहीं है. मनीष ने अपनी गाड़ी के आगे भारी भीड़ को देखकर कहा कि यहां पर सभी को सुरक्षा मिल जाती है. लेकिन हमारे लिए केवल रोड को ही खाली करवा दीजिए. मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने अपने गाड़ी के आगे चल रहे लोगों से कहा मुझे आगे बढ़ने दीजिए. नही तो ये लोग मुझ पर फिर कोई केस कर देंगे.
आपको दें कि 12 मार्च 2023 को हथकड़ी पहने एक व्यक्ति की ट्रेन में यात्रा करते हुए एक वीडियो अपलोड की गई थी. इस मामले में मनीष कश्यप ( Manish Kashyap) के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ था. आरोप लगाया गया था कि मनीष कश्यप (Manish Kashyap) सार्वजनिक भावनाओं को भड़काया है. इस वीडियो के साथ मनीष ने छेड़छाड़ की है. पुलिस ने मनीष कश्यप पर IPC और IT अधिनियम की कई धाराओं के तहत कार्रवाई की थी. इस केस में पटना हाईकोर्ट ने यूट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) को सशर्त नियमित जमानत दे दी है.
तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर NSA के तहत की थी कार्रवाई
यूट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) पर कानूनी शिकंजा तब कसा गया था. जब तमिलनाडु (Tamil Nadu) में बिहार के लोगों के खिलाफ हिंसा को लेकर एक वीडियो सामने आया था. आरोप लगाया गया था कि इस वीडियो को मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने फर्जी तरीके से अपने यूट्यूब चैनल पर दिखाया था. मनीष कश्यप के वीडियो को तमिलनाडु (Tamil Nadu) पुलिस ने गलत बताते हुए केस इन पर केस दर्ज किया था. तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर NSA के तहत कार्रवाई की थी.
मनीष ने कुर्की-जब्ती के बाद किया था सरेंडर
यूट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) ने राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख अपनाया था. उस समय तमिलनाडु (Tamil Nadu) सरकार ने NSA हटाए जाने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में दलीलें दी थीं. उस समय मनीष कश्यप को राहत मिल गई थी. बिहार के बेतिया जिले में मनीष के खिलाफ सात मामले दर्ज किए गए थे. इसमें बीजेपी विधायक से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के साथ साथ बैंक मैनेजर से मारपीट का भी आरोप लगाया गया था. इस मामले में कुर्की और जब्ती के बाद मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने थाने में सरेंडर कर दिया था. उसी समय से मनीष कश्यप को जेल में रखा गया था.
मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु में दर्ज हुए थे 6 मामले
यूट्यूबर मनीष (Youtuber Manish) के खिलाफ तमिलनाडु (Tamil Nadu) में छह मामले दर्ज हुए थे. सिविल कोर्ट के फैसले के बाद मनीष कश्यप को तमिलनाडु जेल में नहीं जाना पड़ा. मनीष को पटना के ही जेल में रखा गया. यहां पर मनीष की कई मामलों में सुनवाई के दौरान पेशी होनी थी. वहीं तमिलनाडु (Tamil Nadu) में दर्ज मामलों में मनीष कश्यप की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी
अगस्त महीने में पटना सिविल कोर्ट ने मनीष को एक बड़ी राहत दी थी. मनीष कश्यप ( Manish Kashyap) को कोर्ट ने तमिलनाडु (Tamil Nadu)जेल वापस नहीं ले जाने का आदेश दिया था. तब वकील शिवनंदन भारती ने जानकारी देते हुए बताया था कि तमिलनाडु में मनीष के खिलाफ कुल छह मामले दर्ज हुए थे. जिस पर उन्हें डिफॉल्ट बेल मिल गई थी. वहीं मनीष कश्यप के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने चार मामले दर्ज किए थे.