Ukraine President Zelensky on PM Modi: यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजागी जताई है। उन्होंने मोदी के दौरे को यूक्रेन में शांति की कोशिशों को बड़ा झटका बताया। उन्होंने सोशल मीडिया ‘x’ पर लिखा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है।’
सोमवार यानि 8 जुलाई को नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा पर आए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा और व्लादिमीर पुतिन से उनकी मुलाक़ात से खुश नहीं थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री की मॉस्को यात्रा को असंतोषजनक और शांति प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका माना। उन्होंने कहा कि उसी दिन मोदी ने पुतिन से मुलाकात की जब एक रूसी मिसाइल कीव में बच्चों के अस्पताल को निशाना बना रही थीं। नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नोवो-ओगारियोवो में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनके आवास पर मुलाकात की। सोमवार सुबह ही रूसी मिसाइलों ने यूक्रेनी शहरों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 37 लोग मारे गए और 170 अन्य घायल हुए। इसी का जिक्र करते हुए जेलेंस्की (Zelensky) ने नरेंद्र मोदी (narandra modi) को निशाने पर लिया और पुतिन को खूनी बताया।
रूस के हमले और पुतिन व मोदी की मुलाकात के बारे में ज़ेलेंस्की ने सोमवार को एक्स पर लिखा: “यह देखकर बहुत निराशा हुई कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेता मॉस्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को गले लगा रहा है।”ये रूस के आक्रामण के खिलाफ शांति प्रयासों के लिए भी एक विनाशकारी झटका है।
भारत की तरफ से कभी नहीं मिला युद्ध का समर्थन
भारत ने हमेशा विवादों को बातचीत सहित शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का सुझाव दिया है। लेकिन इसके बावजूद यूक्रेन के राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते रहे। भारत ने यूक्रेन पर हमले का कभी समर्थन नहीं किया। मास्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सरकारी आवास पर एक आकस्मिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बताया कि युद्ध के मैदान में कोई जीत हासिल नहीं होती। भारत ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा गारंटीकृत क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का लगातार समर्थन किया है। किसी भी समस्या का समाधान केवल कूटनीतिक तरीके से और बातचीत के ज़रिए ही किया जा सकता है – बल प्रयोग से नहीं।
प्रधानमंत्री के तौर पर तीसरी बार पदभार संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय आधार पर रूस की यात्रा करने का फैसला किया है। 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद मोदी की यह पहली यात्रा है। भारत ने रूस के साथ दशकों पुराने संबंधों के बावजूद युद्ध में किसी पक्ष का हिस्सा लेने से परहेज किया है। हालांकि भारत ने रूस को अपने सबसे अच्छे दोस्तों में से एक कहा है और भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को और ज्यादा बेहतर करने पर जोर दिया है।