Zomato Growth: जोमैटो की ग्रोथ में आई सुस्ती, CEO दीपिंदर गोयल ने गिनाए तीन बड़े कारण, 19,000 रेस्तरां हटाए
जोमैटो की हालिया शेयरहोल्डर बैठक में फूड डिलीवरी में अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि पर चर्चा की गई। सीईओ दीपिंदर गोयल ने इसका कारण उपभोक्ता खर्च में गिरावट, डिलीवरी पार्टनर्स की कमी और क्विक कॉमर्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा को बताया। साथ ही, गुणवत्ता बनाए रखने के लिए 19,000 रेस्तरां प्लेटफॉर्म से हटाए गए।
Zomato Growth: फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने हालिया शेयरहोल्डर मीटिंग में खुलासा किया कि नवंबर 2024 में कंपनी के फूड डिलीवरी कारोबार की विकास दर उनकी अपेक्षाओं से कम रही। कंपनी के CEO दीपिंदर गोयल ने बैठक में यह स्वीकार किया कि साल-दर-साल (YoY) वृद्धि पहले अनुमानित 20% के मुकाबले कम रही, लेकिन साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि यह गिरावट अस्थायी है और निकट भविष्य में सुधार की उम्मीद है।
दीपिंदर गोयल ने कहा, “हम मानते हैं कि वर्तमान में फूड डिलीवरी की विकास दर हमारी उम्मीदों से पीछे है, लेकिन इसके पीछे कुछ ठोस कारण हैं जिन्हें हमने पहचाना है।” उन्होंने फूड डिलीवरी सेगमेंट में गिरावट के लिए तीन मुख्य बाहरी कारण बताए।
उपभोक्ता खर्च में आई गिरावट
सबसे पहला और बड़ा कारण है उपभोक्ताओं द्वारा विवेकाधीन खर्च में आई सामान्य गिरावट। खासकर रेस्तरां में खाना ऑर्डर करने जैसी सेवाओं पर लोग फिलहाल कम खर्च कर रहे हैं। आर्थिक अनिश्चितताओं और बढ़ती महंगाई के चलते लोग गैर-आवश्यक चीजों पर कटौती कर रहे हैं, जिसका असर सीधे तौर पर फूड डिलीवरी सेवाओं पर पड़ा है।
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डिलीवरी पार्टनर्स की अस्थायी कमी
दूसरा कारण डिलीवरी पार्टनर्स की अस्थायी कमी है। गोयल ने बताया कि तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स (त्वरित वाणिज्य) सेक्टर में डिलीवरी कर्मियों की भारी मांग बढ़ी है, जिसके चलते जोमैटो जैसी पारंपरिक फूड डिलीवरी कंपनियों को डिलीवरी स्टाफ की कमी का सामना करना पड़ा है। यह ट्रेंड हाल के महीनों में और तेज हुआ है।
क्विक कॉमर्स से बढ़ी प्रतिस्पर्धा
तीसरा बड़ा कारण क्विक कॉमर्स कंपनियों की ओर से पैकेज्ड फूड और ग्रॉसरी की अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी है। इन प्लेटफॉर्म्स की वजह से ग्राहकों की एक बड़ी संख्या अब रेस्तरां से खाना मंगवाने के बजाय पैकेज्ड, रेडी-टू-ईट विकल्पों को प्राथमिकता दे रही है। इससे जोमैटो के कोर बिजनेस को नुकसान हुआ है।
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प्लेटफॉर्म से हटाए गए 19,000 रेस्तरां
बाहरी कारणों के अलावा, जोमैटो द्वारा लिए गए दो आंतरिक निर्णय भी ग्रोथ में कमी का कारण बने। सबसे बड़ा फैसला था 19,000 रेस्तरां को प्लेटफॉर्म से हटाना। इस पर गोयल ने स्पष्ट किया कि यह कदम ग्राहकों की सुरक्षा और अनुभव को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
उन्होंने बताया, “हमने उन रेस्तरां को हटाया जो स्वच्छता के मानकों पर खरे नहीं उतरे, ग्राहकों की शिकायतों के केंद्र में थे, या फिर बड़े ब्रांड्स की नकल कर रहे थे। कुछ ने तो एक ही रसोई से कई फर्जी लिस्टिंग बनाकर ग्राहक को भ्रमित किया और अनुचित तरीके से विजिबिलिटी पाई।”
ग्राहकों के हित में लिया गया कदम
कंपनी के अनुसार, इन रेस्तरां को हटाना ग्राहकों के हित में जरूरी था, ताकि उन्हें गुणवत्ता युक्त और विश्वसनीय सेवा दी जा सके। हालांकि इससे तात्कालिक रूप से ग्रोथ की रफ्तार पर असर पड़ा, लेकिन लंबी अवधि में यह कदम ब्रांड की विश्वसनीयता को मजबूत करेगा।
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आशावादी नजरिया बरकरार
गोयल ने अंत में शेयरधारकों को भरोसा दिलाया कि कंपनी इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है और आने वाले महीनों में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि जोमैटो का फोकस लॉन्ग टर्म ग्रोथ और कस्टमर एक्सपीरियंस पर है।
फूड डिलीवरी इंडस्ट्री की मौजूदा चुनौतियों के बीच जोमैटो का यह कदम कंपनी की सतर्क और दीर्घकालिक सोच को दर्शाता है। जहां एक ओर बाजार की मौजूदा स्थितियां मंदी का संकेत दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर, कंपनी द्वारा उठाए गए कदम ब्रांड की गुणवत्ता और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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