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Iran President News Live Update: ‘तेहरान का कसाई’ का अंत, इजरायल का हत्या में हाथ!

Why was Iranian President Raisi called the 'butcher of Tehran', the Shia country was shaken by the killing of several thousand people.

Iran President News Live Update: राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लहियान की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है। रविवार को उनका हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। इसके बाद सोमवार सुबह दोनों नेताओं की मौत की पुष्टि कर दी गई है। रईसी के हेलीकॉप्टर का मलबा भी कर्मियों को मिल गया है।

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (President Ibrahim Raisi) और विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन (Foreign Minister Hossein Amir Abdollahian ) की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है। रईसी ईरान के राष्ट्रपति होने के साथ साथ अगला सुप्रीम लीडर बनने की दौड़ में भी शामिल थे। रईसी 2021 में ईरान के राष्ट्रपति बनने से पहले भी कई अहम पदों पर रहे। इस दौरान उनके साथ कई विवाद भी जुड़े। खासतौर से आंदोलनों और विरोधियों को बेरहमी से कुचलने के आरोप उन पर लगे। घरेलू राजनीति में रईसी को हार्ड लाइन पोजीशन लेने के लिए जाना जाता था। रईसी ने हसन रूहानी के बाद ईरान के राष्ट्रपति का पद संभाला था। रूहानी को उदारवादी नेता के तौर पर देखा जाता था लेकिन रईसी उनके उलट रहे।

रिपोर्ट के मुताबिक, रईसी ईरान (Ibrahim Raisi ) के उन राजनेताओं में शामिल हैं, जिनके इशारे पर देश में दमन की दो सबसे कठोर कार्रवाईयां हुईं। रईसी के राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान में महिलाओं की पोशाक और व्यवहार को प्रतिबंधित करने वाले कानून लाए गए। ईरान के हिजाब कानून में सख्ती की गई। इसका काफी विरोध भी हुआ। सितंबर 2022 में महिलाओं की ड्रेस से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार महिला महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। ये 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान में सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन थे। इन प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों लोग मारे गए। इस दौरान रईसी ने काफी आक्रामक रुख अपनाया और प्रदर्शनकारियों पर हुई भीषण कार्रवाई करते हुए आंदोलन को कुचला गया।

रईसी को ‘तेहरान का कसाई’ क्यों कहा गया?

इब्राहिम रईसी ईरान (Ibrahim Raisi ) के निर्वासित विपक्ष और मानवाधिकार समूहों पर काफी आक्रामक रहे। रईसी का नाम 1988 में मार्क्सवादियों और वामपंथियों की सामूहिक फांसी का कारण बना। उस समय रईसी तेहरान में रिवोल्यूशनरी कोर्ट के उप अभियोजक थे। एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International ) की रिपोर्ट के अनुसार ईरान में “मृत्यु समिति” नामक जांच पैनल स्थापित किए गए थे। इनमें खुफिया मंत्रालय के सदस्य, न्यायाधीश और धर्म का पालन करने वाले अभियोजक शामिल थे। इन समितियों ने हजारों कैदियों को बिना सोचे समझे फांसी पर चढ़ा दिया। एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International ) के अनुसार, इन समितियों ने 5,000 से अधिक सजाएँ दी हैं। 1988 में सामूहिक फांसी के बाद रईसी को “तेहरान का कसाई” उपनाम मिला।

रईसी इब्राहिम (Ibrahim Raisi ) एक अभियोक्ता के बाद जिसने कठोर रुख अपनाया, ईरान के राष्ट्रपति को अनम्य के रूप में देखा गया। अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी सहयोगी रईसी ने अक्सर संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल (America- isreal) की आलोचना की। रईसी को वाशिंगटन की “गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन” ब्लैकलिस्ट में शामिल किया गया था, जो दंड का परिणाम था। उन्होंने ईरान को अधिक परमाणु क्षमता हासिल करने के लिए एक मजबूत मामला भी बनाया। अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद, उन्होंने इसमें प्रगति की।

Prachi Chaudhary

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