नई दिल्ली: कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी जो लोगों को कब लग जायें, इसका पता नहीं चल पाता. इसका कोई परमानेंट इलाज भी नहीं मिल पाता. इस बीमारी के अचानक होने से लोगों की मौत भी हो जाती है. इस बीमारी के होने से शरीर के कई अंग बेकार होने लगते है.
हर साल लाखों लोगों की मौत कैंसर के कारण हो जाती है. इस जानलेवा बीमारी से शरीर की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और फिर धीरे-धीरे ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं. अगर वक्त रहते इस बीमारी का पता चल जाए तो कैंसर का इलाज संभव हो पाता है, लेकिन चिंताजनक बात यह है कि ज्यादातर कैंसर की पहचान उसके उन्नत स्टेज में ही हो पाती है.
बता दें कि कैंसर कई प्रकार के होता है, जिसमें पैंक्रियाटिक कैंसर भी काफी खतरनाक होता है. हाल ही में एक्सपर्ट द्वारा पैंक्रियाटिक कैंसर जो पेट के निचले हिस्से(अग्नाशय) के पीछे वाले अंग में होता है.
एक्सपर्ट के अनुसार, पैंक्रियाज शरीर के काफी अंदर होता है इसलिए शुरुआत में इसका पता लगाना बहुत मुश्किल होता है. इसके लक्षण पैरों में भी दिखाई देते है. जिससे कैंसर के लक्षण का पता नहीं चल पाता है.
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पैंक्रियाटिक कैंसर में ऐसी क्षमता होती है जो खून को हाइपर-कॉग्युलेटिव स्टेज में पहुंचा देता है. ये वो स्टेज होती है, जहां खून के थक्के जमने लगते हैं. अगर किसी को यह कैंसर होता है तो उसके पैर में खून के थक्के दिखने लगते हैं और यह पैंक्रियाटिक कैंसर का पहला लक्षण हो सकता है. नसों में खून का थक्का जमने की स्टेज को डीप वेन थ्राम्बोसिस (DVT) कहा जाता है.
पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षणों में वजन कम होना और पेट दर्द होना जैसे लक्षण नहीं दिखते जिस कारण इसका पता लगाना मुश्किल होता है. शरीर में अग्नाशय की स्थिति के कारण बायोप्सी में भी काफी मुश्किल होती है. इस तरह के कैंसर वाले लोगों में अपच और पेट में एसिडिटी की समस्या होती है.