नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय जापान यात्रा पर सोमवार को सुबह पांच बजे टोक्यो पहुंचे थे, जहां उनका भारतीय समुदाय के लोगों ने भारत माता की जय के उद्घोष और ‘जो 370 हटाये हैं वे टोक्यो आये हैं’ स्लोगन के साथ किया।
टोक्यो में भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-जापान का सामर्थ्य, सम्मान और आत्मीयता का रिश्ता विश्व के लिए सांझा संकल्प है। उन्होने कहा कि भारत सांस्कृतिक संबंधों को पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढा रहा है। मोदी ने आगे कहा कि कि स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय युवाओं से जीवन में एक बार जापान जाने का आह्वान किया था, लेकिन मैं जापान के युवाओं से कहता हूं कि वे जीवन में एक बार भारत जरुर आयें। उन्होने कहा कि मैं मक्खन पर नहीं, पत्थर पर लकीरें खींचता हूं।
मोदी ने कहा कि कोरोना काल में विश्व में जब हर तरफ अनिश्चितता का माहौल था, तब भारत ने इस नई चुनौती को स्वीकारा और मेड इन इंडिया की वैक्सीन को दुनिया के 100 देशों को भेजा। उन्होने कोरोना काल में विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) द्वारा भारतीय आशा कार्यकर्ताओं को ग्लोबल हैल्थ लीडर के खिताब से नवाजे जाने पर जापान के धरती से आशा कार्यकर्ताओं को बधाई दी।
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मोदी ने इस बात पर भी जिक्र किया कि पिछले आठ सालों में हुए चुनावों में महिला मतदाताओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा मतदान किया, जो रिकार्ड जीत का कारण बना। उन्होने कहा कि दुनिया में कुल डिजिटल लेनदेन का 40 फीसदी डिजिटल ट्रांसजेक्शन भारत में होता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-जापान के विगत 70 सालों के कूटनीतिक संबंधों पर कहा कि भारत की विकास यात्रा में जापान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होने यूपी के काशी में जापान के सहयोग से बने रुद्राक्ष, कोरिडोर और गुजरात के अहमदाबाद( गुजरात) के जैन गार्डन का भी जिक्र किया।
नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से निपटने के लिए पिछले दो वर्षों में भारत द्वारा उठाये गये कदमों से अवगत कराया। मोदी ने कहा कि भारत ने 2070 तक इस ग्लोबल समस्या का नेट जीरो का लक्ष्य रखा है और इस दिशा में बड़े पैमाने पर काम करना जारी है। उन्होने दुनिया में अराजकता, हिंसा, आंतकवाद जैसी समस्याओं का हल करने के लिए विश्व को भगवान बुद्ध के विचारों को अपनाने और उनके बताये रास्ते पर चलने की आवश्यकता बतायी।