नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) बहुत जल्द कांग्रेस में विधिवत शामिल हो जाएंगे। इसके लिए एक तरफ पीके को अन्य दलों से अपना नाता तोड़ना पडेगा, वहीं कांग्रेस भी बदले में उन्हे पार्टी में बड़ा ओहदा देगी और उनकी कई शर्तो को मानेगी। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बात करके उनकी सहमति से कभी भी
पीके को पार्टी में शामिल होने की घोषणा
प्रशांत किशोर की शर्तो में एक शर्त यह भी है कि चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने का अधिकार पीके का होगा और उनका निर्णय ही अंतिम व सर्वमान्य माना जाएगा। कांग्रेस के अधिकांश नेताओं ने पीके को पद देने और उनकी सब शर्तो को मानने पर अपनी सहमति जता दी है। वरिष्ठ कांग्रेस के नेताओं ने पीके की कांग्रेस के लिए अब तक बनायी रणनीति की प्रशंसा की है।
दिग्विजय सिंह भी पीके सोच से प्रभावित
प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होने के बाद केवल इसी पार्टी के लिए कार्य करेंगे, जबकि अभी वे कांग्रेस के साथ-साथ दूसरे दलों तृणमूल कांग्रेस और तेलंगाना के लिए भी चुनावी रणनीति तैयार करते रहे हैं। पीके ने खुद ये कहा है कि वे केवल कांग्रेस पार्टी के लिए ही काम करना चाहते हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने पीके सोच से प्रभावित है। उन्होंने पीके कर विश्वास जताया है और उनकी रणनीति को कांग्रेस के लिए बेहतर बताया है।
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प्रशांत किशोर के सामने है कड़ी चुनौती
पीके को कांग्रेस में शामिल होना और बड़ा पद मिलने के बाद उनकी दोहरी भूमिका होगी। कांग्रेस की वर्तमान स्थिति और देश भर में बीजेपी की जनता के मजबूत पकड़ को देखते हुए प्रशांत किशोर की रणनीति 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचेगा, ये तो आने वाला समय ही बतायेगा, लेकिन बीजेपी सामने कांग्रेस को खड़ा करना पीके के लिए कम चुनौतीपूर्ण नहीं होगा।