Today Parliament News! संसद में अडानी समूह पर सरकार पर विपक्ष का लगातार हमला जारी है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इससे बेखबर आगामी चुनाव में बीजेपी की जीत के लिए प्रयास करते दिखे। शुक्रवार को पहले पीएम मोदी लखनऊ गए और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। निवेशकों को यूपी में निवेश के लिए प्रेरित किया ,यूपी के लोगो को सराहा और योगी सरकार के कामो को बेहतर बताया। पीएम मोदी ने लंबा भाषण भी दिया। इसके बाद मुंबई निकल गए। मुंबई में एक महीने के भीतर मोदी की दूसरी यात्रा थी। वहाँ उन्होंने दो बन्दे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और फिर बोहरा समुदाय के एक कार्यक्रम में पहुँच गए।
बीएमसी चुनाव सामने है और बीजेपी को लग रहा है कि बोहरा मुसलमानो को साध लिया गया तो इसका लाभ चुनाव में होगा। मुंबई में बोहरा मुसलमानो की काफी आबादी है। वैसे देश के भीतर इस समुदाय की करीब 25 लाख की आबादी मानी जाती है और ये मुसलमान बाकी मुसलमानो से अलग हैं। ये संपन्न मुसलमान तो हैं पढ़े लिखे भी है और कटटरता से काफी काफी दूर हैं। गुजरात में है राजस्थान में भी है और मध्यप्रदेश में भी है। मुंबई नगरपालिका चुनाव के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में इस समाज के वोट बैंक पर बीजेपी की नजर काफी समय से है।
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बीजेपी ने बोहरा समुदाय के कई नेताओं से मुलाकात की और उनके शिक्षण संस्थानों का भी दौरा किया। बोहरा समाज के कई नेता पीएम के आगमन से काफी खुश थे। अब सवाल है कि क्या बोहरा समुदाय के लोग बीजेपी के साथ जुड़ेंगे ?
कहा जा रहा है कि ऐसा संभव हो सकता है। अभी तक यह समाज सपा ,बसपा ,कांग्रेस ,राजद और जदयू के साथ जुड़ा था लेकिन समाज को यह लग रहा है कि इन राजनितिक दलों ने समाज के लिए बहुत कुछ नहीं किया है। चुकी इस समाज की संस्कृति बाकी मुसलमानो से अलग है और शिक्षा का स्तर भी ऊंचा है ऐसे में कहा जा रहा है कि बीजेपी के साथ यह समाज जुड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी को मुस्लिम वोट मिलने शुरू हो सकते हैं।
पीएम मोदी की नजर बोहरा समाज के साथ ही पसमांदा मुसलमानो पर भी है। पसमांदा मुसलमान सबसे पिछड़ा वर्ग है और शोषित भी। मोदी इन मुसलमानो को भी अपने पाले में लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। लम्बे समय से पसमांदा पर बीजेपी की नजर है और योगी सरकार इस पर काफी काम भी कर रही है।
बीजेपी बोहरा कर पसमांदा को साध लेती है तो देश की राजनीति बदल सकती है। जो दल अब तक मुसलमानो को साधकर राजनीति करते रहे हैं उन्हें झटका लग सकता है। पीएम मोदी इसी प्रयास में लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि अगले चुनाव में पसमांदा और बोहरा समाज के लोग बीजेपी के साथ जा सकते है और ऐसा हो गया तो बिहार में राजद और जदयू के साथ ही यूपी में सपा और बसपा की राजनीति प्रभावित हो सकती है।