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Bhajanlal Goverment : 10 दिन में 11 मौतें, अशोक गहलोत के तेवर तीखे, बोले- आखिर कब टूटेगी सरकार की नींद?

राजस्थान में बीते 10 दिनों में 11 सफाई कर्मियों की दर्दनाक मौत ने न केवल राज्य को हिलाकर रख दिया है, बल्कि सफाई व्यवस्था और कर्मियों की सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता, ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी और सरकार पर आरोप लगाते हुए पूछा कि आखिर कब टूटेगी सरकार की नींद?

Bhajanlal Goverment : राजस्थान में बीते 10 दिनों में 11 सफाई कर्मियों की दर्दनाक मौत ने न केवल राज्य को हिलाकर रख दिया है, बल्कि सफाई व्यवस्था और कर्मियों की सुरक्षा पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता, ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी और सरकार पर आरोप लगाते हुए पूछा कि आखिर कब टूटेगी सरकार की नींद?

क्या है मामला?

राजस्थान के अलग-अलग जिलों में पिछले कुछ दिनों में 11 सफाई कर्मियों की जान चली गई। इनकी मौतें मुख्यतः सीवर की सफाई के दौरान दम घुटने या जहरीली गैस के कारण हुईं। इन घटनाओं ने साफ कर दिया कि सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिए न तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं और न ही प्रभावी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

अशोक गहलोत का बयान

अशोक गहलोत ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में सफाई कर्मियों की मौतें न केवल प्रशासन की विफलता हैं, बल्कि एक अमानवीय तस्वीर भी पेश करती हैं। उन्होंने पूछा, “आखिर कब सरकार जागेगी और कब तक ऐसे हादसों को नजरअंदाज किया जाएगा?” गहलोत ने साफ तौर पर कहा कि सफाई कर्मियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

सरकार की भूमिका पर सवाल

सरकार की नीतियों और व्यवस्थाओं पर सवाल उठते हैं। सफाई कर्मियों को अक्सर बिना सुरक्षा उपकरणों और उचित प्रशिक्षण के खतरनाक परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। ये घटनाएं सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि देशभर में इसी तरह की समस्याएं सामने आती रही हैं।

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समस्या की जड़ें

असुरक्षित कामकाज: सफाई कर्मियों को अक्सर बिना मास्क, दस्ताने और अन्य जरूरी सुरक्षा उपकरणों के काम पर लगाया जाता है।

प्रशिक्षण की कमी: सीवर और नालों की सफाई के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत होती है, जो अक्सर सफाई कर्मचारियों को नहीं मिलता।

ठेकेदारी प्रथा: कई जगहों पर सफाई कर्मियों को अनुबंध पर रखा जाता है, जिससे उनकी सुरक्षा और अधिकारों की अनदेखी होती है।

समाधान क्या है?

राजस्थान सरकार को चाहिए कि:

  1. सफाई कर्मचारियों के लिए आधुनिक और सुरक्षित उपकरण उपलब्ध कराए।
  2. सभी कर्मचारियों को काम शुरू करने से पहले व्यापक प्रशिक्षण दिया जाए।
  3. ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाई जाए और सफाई कर्मियों को स्थायी कर्मचारी बनाया जाए।
  4. दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
  5. मृतक कर्मचारियों के परिवारों को उचित मुआवजा और सहायता दी जाए।

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राजस्थान में सफाई कर्मियों की मौतें एक गहरी मानवीय त्रासदी हैं। अशोक गहलोत का बयान इस समस्या की गंभीरता को उजागर करता है और सरकार को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस बदलाव लाने होंगे ताकि सफाई कर्मचारी सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

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Written By। Kritika Kumari। National Desk। Delhi

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