Yoga Policy 2025: उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में 11 अहम फैसलों पर लगी मुहर, योग नीति से लेकर स्वास्थ्य विभाग को 75 करोड़ की राहत
त्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में पहली बार योग नीति 2025 को मंजूरी मिली है, जिसमें पांच योग हब स्थापित किए जाएंगे। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को 75 करोड़ रुपए लोन देने का भी फैसला लिया है ताकि अस्पतालों के भुगतान में सुविधा हो सके। इसके अलावा, स्थानीय ठेकेदारों को बढ़ावा देने और अन्य महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव भी किए गए हैं।
Yoga Policy 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण उत्तराखंड की पहली योग नीति 2025 की स्वीकृति रही। इस नीति के अंतर्गत राज्य में पांच क्षेत्रों को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे योग पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ी राहत, मिलेगा 75 करोड़ का लोन
राज्य सरकार ने अटल आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों को भुगतान में आ रही अड़चनों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को 75 करोड़ रुपये का ऋण देने का निर्णय लिया है। यह राशि अस्पतालों को सेवा के बदले भुगतान करने में उपयोग की जाएगी। साथ ही देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में मरीजों के तीमारदारों के लिए भोजन और ठहरने की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराई जाएगी और निर्माण कार्य सीएसआर फंड के जरिए होगा।
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प्रोक्योरमेंट नियमावली में संशोधन, स्थानीय ठेकेदारों को बढ़ावा
मंत्रिमंडल ने प्रोक्योरमेंट नियमावली में संशोधन करते हुए अब 10 करोड़ रुपये तक के विभागीय कार्य स्थानीय ठेकेदारों से करवाने की अनुमति दी है। यह कदम राज्य में स्थानीय उद्यमियों और श्रमिकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। सभी श्रेणियों में स्थानीय ठेकेदारों की कार्य सीमा को भी बढ़ाया गया है।
नई औद्योगिक नीति को मिली मंजूरी
बैठक में उत्तराखंड मेगा एवं इंडस्ट्रियल नीति 2025 को मंजूरी दी गई, जो अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगी। इसमें राज्य को चार कैटेगरी में बांटा गया है ताकि निवेशकों को उनकी जरूरत के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उद्योगों को भी चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।
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विष नियंत्रण नियमावली में भी बदलाव
उत्तराखंड विष कब्जा और विक्रय नियमावली में संशोधन करते हुए अब मिथाइल अल्कोहल को भी इसके दायरे में शामिल किया गया है। यह बदलाव रासायनिक दुरुपयोग और जहरीले पदार्थों की बिक्री पर नियंत्रण के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजकीय विभाग लेखा संवर्ग और लिपिकवर्गीय नियमों में संशोधन
राज्य सरकार ने राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग राजपत्रित नियमावली 2019 में आवश्यक संशोधन को मंजूरी दी है। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड निबंध लिपिकवर्गीय कर्मचारी सेवा नियमावली 2025 के गठन को भी स्वीकृति दी गई है, जो कि अब 1978 की पुरानी नियमावली का स्थान लेगी।
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सेवा क्षेत्र और चाय विकास बोर्ड में बदलाव
उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2024 में भी संशोधन किया गया है, जिससे राज्य में सेवाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले व्यवसायों को सुविधा और संरचना मिल सके। वहीं, उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के संगठनात्मक ढांचे में भी बदलाव को मंत्रिमंडल की सहमति प्राप्त हुई है।
बाढ़ सुरक्षा प्रतिवेदन पर भी लगी मुहर
कैबिनेट बैठक में राज्य बाढ़ सुरक्षा वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा में प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई, जिससे बाढ़ सुरक्षा उपायों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
इन तमाम फैसलों के जरिए उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह स्वास्थ्य, योग, उद्योग और स्थानीय रोजगार जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नीतिगत निर्णयों से राज्य के समग्र विकास को मजबूती मिलेगी।
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