Uttar Pradesh News: योगी सरकार का मास्टरस्ट्रोक! यूपी में सस्ता हुआ किराया, मिलेगा नए कानून का लाभ
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में अब मकान और फ्लैट के किराया अनुबंध (रेंट एग्रीमेंट) को पंजीकृत कराना काफी सस्ता हो जाएगा। राज्य सरकार ने इस पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी में भारी कटौती करने का निर्णय लिया है।
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में अब मकान और फ्लैट के किराया अनुबंध (रेंट एग्रीमेंट) को पंजीकृत कराना काफी सस्ता हो जाएगा। राज्य सरकार ने इस पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी में भारी कटौती करने का निर्णय लिया है। नए नियमों के अनुसार, एक लाख रुपये तक के वार्षिक किराए वाले समझौतों पर अब केवल 500 रुपये की स्टाम्प ड्यूटी लगेगी।
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इस फैसले का मुख्य उद्देश्य संपत्ति मालिकों को नए किराया नियंत्रण कानून का लाभ दिलाना है। सरकार का मानना है कि पंजीकरण शुल्क कम होने से अधिक से अधिक मकान मालिक अपने किरायेदारी समझौतों को पंजीकृत कराएंगे। इससे अदालतों में किरायेदारी से जुड़े मामलों में भी कमी आने की संभावना है।
पहले, किराया समझौते को पंजीकृत कराने पर औसत वार्षिक किराए का दो प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी लगती थी। यही कारण था कि कई मकान मालिक और किरायेदार पंजीकरण से बचते थे, खासकर 11 महीने के समझौतों के लिए, जिनका पंजीकरण कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं था। ऐसे में विवाद होने पर मकान मालिकों को कानूनी कार्रवाई में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
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नई व्यवस्था के तहत, विभिन्न अवधियों और वार्षिक किराए के अनुसार पंजीकरण शुल्क इस प्रकार होगा
| एक वर्ष | ₹ 500 | ₹ 1000 | ₹ 2000 |
| पांच वर्ष | ₹ 1500 | ₹ 3000 | ₹ 6000 |
| 10 वर्ष | ₹ 2000 | ₹ 4000 | ₹ 8000 |
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, किराया समझौतों के पंजीकरण की लागत को कम करने के साथ-साथ पूरी प्रक्रिया को भी सरल बनाया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी और यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। सरकार का मानना है कि पंजीकृत समझौतों से किरायेदारी विवादों में कमी आएगी और मकान मालिकों को नए किराया नियंत्रण कानून का लाभ मिल सकेगा, जिससे उन्हें किरायेदार से संबंधित विवादों में सिविल कोर्ट या पुलिस पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
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