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Turkey Boycott: भारत-पाक तनाव के बीच तुर्की की एंट्री बनी बड़ी भूल, अब भुगतना पड़ सकता है अंजाम

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण हालातों के बीच तुर्की ने जो कदम उठाया है, वह न केवल चौंकाने वाला है बल्कि भारत के साथ उसके रिश्तों पर भी गहरा असर डाल सकता है। पाकिस्तान को ड्रोन और मिसाइलें मुहैया करवा कर तुर्की ने जिस तरह से भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से हमला करने की कोशिश की, उसका अंजाम अब उसे महंगा पड़ सकता है।

Turkey Boycott: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण हालातों के बीच तुर्की ने जो कदम उठाया है, वह न केवल चौंकाने वाला है बल्कि भारत के साथ उसके रिश्तों पर भी गहरा असर डाल सकता है। पाकिस्तान को ड्रोन और मिसाइलें मुहैया करवा कर तुर्की ने जिस तरह से भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से हमला करने की कोशिश की, उसका अंजाम अब उसे महंगा पड़ सकता है।

पाकिस्तान को तुर्की की मदद: एक बड़ी भूल

तुर्की द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य उपकरण देना, सीधे तौर पर भारत के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने जैसा है। इन ड्रोन की मदद से पाकिस्तान ने भारतीय सीमाओं पर हमले किए, जिनका भारतीय वायुसेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। यह पहली बार नहीं है जब तुर्की ने भारत विरोधी नीति का समर्थन किया हो, लेकिन इस बार उसकी कार्रवाई ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह भारत के दुश्मनों के साथ खड़ा है।

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पहलगाम नरसंहार के बाद बिगड़ा माहौल

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह नरसंहार में आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली। धर्म के नाम पर हुई इस क्रूरता ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया और आतंकियों के पाकिस्तान स्थित ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया।

पाकिस्तान की बौखलाहट और तुर्की ड्रोन्स का इस्तेमाल

भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया और उसने तुर्की से मिले ड्रोन्स और मिसाइलों का इस्तेमाल कर भारत पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि भारतीय वायुसेना ने इस हमले को नाकाम कर दिया और जवाबी हमला कर स्थिति को नियंत्रित किया।

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भारत की सख्त प्रतिक्रिया और सीजफायर की घोषणा

आखिरकार 10 मई को सीजफायर की घोषणा कर दी। भारत और पाकिस्तान में सीजफायर हो गया। वहीं पाकिस्तान जैसे आतंकी समर्थक देश के साथ हाथ मिलाने के बाद सवालों में घिरे तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारत में तुर्की के साथ हर तरह के संबंध को लेकर बायकॉट की मांग की जा रही है। भारत में अब तुर्की के टूरिज्म, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को खत्म करने की मांग तेज हो गई है।

क्या तुर्की का हाल भी मालदीव जैसा होगा?

जनवरी 2024 में पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव के नेताओं द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों के कारण भारतीयों ने मालदीव का बहिष्कार शुरू कर दिया था। इसका सीधा असर मालदीव के टूरिज्म और व्यापार पर पड़ा। अब तुर्की को लेकर भी वैसी ही प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग तुर्की यात्रा और उसके उत्पादों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं।

तुर्की ने पाकिस्तान का साथ देकर भारत के साथ अपने रिश्तों को खतरे में डाल दिया है। भारत अब तुर्की के साथ सभी प्रकार के संबंधों की समीक्षा कर रहा है। यदि तुर्की ने समय रहते अपने रुख में बदलाव नहीं किया, तो उसे बड़ा आर्थिक और कूटनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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