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Greek PM Reached To India: भारत की राजनीतिक जीत से “खलीफा” एर्दोगन और पाकिस्तान को होगी तकलीफ

Greece's PM Kyriakos reaches India, PM Modi Warmly welcomes him

Greek PM Reached To India: ग्रीस के पीएम (Greek PM) क्यारीकोस मित्सोटाकिस भारत के दौरे पर पहुंच चुके हैं। 15 साल बाद ग्रीस के किसी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा (India Tour) हो रही है।

भारत के साथ तेजी से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे ग्रीस के पीएम क्यारीकोस मित्सोटाकिस (PM Kyriakos Mitsotakis) नई दिल्‍ली (New Delhi) पहुंच गए है। ग्रीस के PM की 15 साल बाद यह पहली यात्रा है। PM नरेंद्र मोदी (PM narendra Modi) ने नई दिल्‍ली में राष्ट्रपति भवन (Delhi President House) के बाहर ग्रीस के PM का जोरदार स्वागत किया। ग्रीस के PM की यह भारत यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब पाकिस्तान का दोस्त तुर्की (Türkiye) लगातार ग्रीस को आंख दिखा रहा है। तुर्की और ग्रीस ने शांति को बढ़ावा देने की बात कही है लेकिन जमकर हथियार भी खरीद रहे हैं। हाल ही में तुर्की ने एफ-16 फाइटर जेट (F-16 fighter jet) खरीदा है और इसके जवाब में ग्रीस को अमेरिका से F-35 फाइटर जेट लिया है। भारत एक दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही इसके तीसरे स्थान पर पहुंचने की संभावना है। ग्रीस इसका फायदा उठाने के लिए भारत के दोस्‍ती बढ़ रहा है। ग्रीस भारत के लिए यूरोप का प्रवेश द्वार बनना चाहता है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला

दरअसल, ग्रीस का लक्ष्य भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे का एक अभिन्न अंग बनना है ताकि यूरोपीय संघ के लिए भारत के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य किया जा सके। खुद ग्रीस के विदेश मंत्री जॉर्ज गेरापेट्रिटिस ने नई दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में यह बयान दिया था। ग्रीस के विदेश मंत्री का मानना है कि यह महत्वाकांक्षी कनेक्टिविटी परियोजना न सिर्फ शामिल क्षेत्रों के आर्थिक और भू-राजनीतिक महत्व को बढ़ाएगी बल्कि शांति और स्थिरता को भी बढ़ावा देगी।

अपनी यात्रा के दौरान गेरापेटेरिटिस ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। उन्होंने जयशंकर की भी प्रशंसा की और कहा कि भारत के विदेश मंत्री ने ग्रीस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ग्रीस के विदेश मंत्री (Greek Foreign Minister) ने अपनी बात का जोर देते हुए  कहा था कि यह साझेदारी लोकतंत्र, न्याय, शांति, कानून के शासन के प्रति सम्मान और नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के शेयर मूल्यों पर बनी है। गेरापेट्रिटिस ने यूरोपीय संघ-भारत संबंधों के फायदों पर भी जोर दिया। इसमें आधे अरब उपभोक्ताओं, कुशल श्रम और व्यापार बाधा मुक्त एकल बाजार के साथ एक बड़े बाजार तक पहुंच।

माना जा रहा है कि पीएम मोदी और ग्रीस के प्रधानमंत्री (PM Modi and Prime Minister of Greek) के बीच लाल सागर संकट पर बात होगी जो हूती विद्रोहियों की वजह से भड़का हुआ है। ग्रीस का मानना है कि वह भारत के लिए यूरोप का द्वार बनने की पूरी क्षमता रखता है। ग्रीस के उन्नत बुनियादी ढांचे और बंदरगाह भारत के सपने को साकार कर सकते हैं। भारत का मध्य पूर्व यूरोप गलियारा UAE, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल और ग्रीस (UAE, Saudi Arabia, Jordan, Israel and Greece) के रास्ते यूरोप तक पहुंच सकता है।

आपको बता दें कि एजियन सागर और पूर्वी भूमध्य सागर में क्षेत्रीय सीमाओं और दोहन अधिकारों  के मामले में तुर्की और ग्रीस के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पिछले वर्ष ग्रीस पर एजियन द्वीपों पर ‘कब्जा’ करने का आरोप लगाया था और बल प्रयोग करने की धमकी दी थी। पिछले 50 वर्षों में ये विवाद दोनों देशों के बीच तकरीबन 3 बार युद्ध का कारण बन चुके हैं।

इसके साथ ही दोनों देशों के बीच प्रवासन एक और विवादास्पद मुद्दा है क्योंकि संघर्ष से भागने वाले कई लोग यूरोप में घुसने के लिए एक बिंदु के रूप में तुर्की का उपयोग करते हैं। ग्रीस यूरोपीय संघ के लिए एक प्रवेश द्वार है। साल 2016 में, इस यात्रा का प्रयास करने वाले लोगों की संख्या को कम करने के लिए ग्रीस ने यूरोपीय संघ के साथ एक समझौता किया था। ग्रीस के साथ चल रहे विवाद में पाकिस्तान तुर्की को सपोर्ट करता है। वहीं साइप्रस को लेकर भी turkey-greece के बीच विवाद है। भारत साइप्रस के साथ खुलकर आया है।

india-greece के बीच सिकंदर महान के 326 ईसा पूर्व में आक्रमण से लेकर मौर्य राजाओं और ग्रीस के बीच व्यापार तक, दोनों देशों के बीच हजारों सालों से आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की समृद्ध परंपरा रही है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के 3 साल बाद, नई दिल्‍ली और एथेंस के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए। ग्रीस ने 1950 में दिल्ली में अपना दूतावास खोला, जबकि भारत ने 1978 में एथेंस में अपना दूतावास खोला। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच संबंध साझा सांस्कृतिक मूल्यों और आर्थिक विकास को बढाने की प्रतिबद्धता पर आधारित है।

वे रक्षा सुरक्षा , शिपिंग, समुद्री के क्षेत्रों में भी सहयोग करते हैं, और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर समान स्थिति साझा करते हैं। साल 1998 में, भारत और ग्रीस ने रक्षा सहयोग पर अपना पहला समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है। ग्रीस उत्तरी साइप्रस पर भारत के रुख की सराहना करता है, जबकि एथेंस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करता है। अगस्त 2023 में PM मोदी ने ग्रीस का दौरा किया था. ग्रीस के F-16 फाइटर जेट भारत में आयोजित सैन्‍य अभ्‍यास में  हिस्सा ले चुके हैं।

Prachi Chaudhary

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