Paragliding Training: उत्तराखंड में युवाओं को मिल रहा है हवाई उड़ान से रोजगार का मौका, पैराग्लाइडिंग से बनेगा भविष्य
उत्तराखंड में साहसिक खेलों को रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है। टिहरी में चल रहे पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण शिविर में युवा उड़ान के साथ आत्मनिर्भरता की राह पर हैं। यह शिविर युवाओं को टेंडम पायलट बनाकर रोजगार का सुनहरा अवसर दे रहा है।
Paragliding Training: उत्तराखंड में युवाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने के नए रास्ते खुल रहे हैं। अब साहसिक खेलों को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। खास तौर पर पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेल को प्रशिक्षण और लाइसेंस प्रक्रिया के साथ युवाओं के लिए आय का जरिया बनाया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) द्वारा टिहरी झील के पास कोटी कॉलोनी में 10 दिवसीय पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है।
पैराग्लाइडिंग शिविर में उड़ान भर रहे हैं युवा सपने
कोटी कॉलोनी में चल रहे इस विशेष प्रशिक्षण शिविर में उत्तराखंड और अन्य राज्यों से आए हुए युवा पैराग्लाइडिंग की बारीकियां सीख रहे हैं। अनुभवी प्रशिक्षकों की देखरेख में युवाओं को व्यावसायिक स्तर पर टेंडम पायलट बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महाराष्ट्र से आए वरिष्ठ प्रशिक्षक तानाजी ताकवे की अध्यक्षता में आयोजित इस शिविर में महाराष्ट्र के अक्षय कोंद्रा और उत्तराखंड के हिमांशु राज धोकटी भी प्रशिक्षण दे रहे हैं।
हिमालय की गोद में ‘मैगी’, क्यों पहाड़ों की मैगी बन गई है खास स्वाद और अनुभव का प्रतीक
प्रशिक्षण से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
उत्तरकाशी से चयनित प्रशिक्षु पृथ्वी राज का कहना है कि उन्होंने पहले बेसिक पैराग्लाइडिंग कोर्स किया था, लेकिन यह शिविर उन्हें फ्लाइंग टाइम बढ़ाने और व्यावसायिक स्किल्स निखारने में मदद कर रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन विभाग युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तरह से सहयोग कर रहा है और ऐसे शिविरों के जरिए स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान कर रहा है।
पैराग्लाइडिंग पायलट लाइसेंस पाने की प्रक्रिया
पैराग्लाइडिंग पायलट बनने की राह आसान नहीं होती। अनुभवी प्रशिक्षक हिमांशु राज धोकटी के अनुसार, एक मान्यता प्राप्त टेंडम पायलट बनने के लिए तीन महत्वपूर्ण चरण पूरे करने होते हैं। पहला, 100 घंटे का फ्लाइंग टाइम पूरा करना अनिवार्य है। दूसरा, SIV (सिमुलेशन इन फ्लाइट) सर्टिफिकेट जरूरी होता है, जो फ्लाइट के दौरान आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की क्षमता को दर्शाता है। तीसरा और सबसे कठिन चरण है, हवा में कम से कम 35 किलोमीटर का त्रिकोण (क्रॉस कंट्री फ्लाइट) बनाना। इन सभी चरणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद ही पैराग्लाइडिंग का लाइसेंस प्राप्त किया जा सकता है।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
क्या होता है टेंडम पायलट?
टेंडम पायलट वह होता है, जो पैराग्लाइडिंग के दौरान एक यात्री को अपने साथ सुरक्षित रूप से उड़ान पर ले जाता है। यात्री को उड़ाने की पूरी जिम्मेदारी पायलट की होती है, जिसमें टेक ऑफ, हवा में नियंत्रण और सुरक्षित लैंडिंग शामिल होती है। टेंडम पैराग्लाइडिंग पर्यटकों के लिए एक रोमांचकारी अनुभव होता है और यह क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देता है।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
पर्यटन और रोजगार का संगम
पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेलों को प्रमोट करने से न केवल उत्तराखंड में पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। सरकार का यह प्रयास पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या को भी कुछ हद तक कम करने में सहायक हो सकता है।
उत्तराखंड जैसे राज्य में, जहां प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच का भरपूर अवसर है, ऐसे प्रशिक्षण शिविर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV