Chenab Bridge: ‘चेनाब ब्रिज’ से मिलेगा नए कश्मीर का रास्ता, अमेरिका के इस बड़े ब्रिज से 80% सस्ती लागत में हुआ तैयार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को 'चिनाब ब्रिज' का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही भारत में एक नया इतिहास लिखा जाएगा। यह दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल आर्च रेलवे ब्रिज है, जिसकी ऊंचाई एफिल टॉवर से भी ज्यादा है। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती, इसकी लागत आज से 88 साल पहले अमेरिका में बने ऐसे ही ब्रिज की लागत का पांचवां हिस्सा भी नहीं है।
Chenab Bridge: कश्मीर की घाटियों को सीधे रेल मार्ग के ज़रिए शेष भारत से जोड़ने वाला चेनाब ब्रिज अब खुलने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं। इस संबंध में पीएम मोदी द्वारा जारी किए गए वीडियो में इसे ‘नए कश्मीर’ की शुरुआत बताया गया है। नए कश्मीर की ओर ले जाने वाला यह रेलवे ब्रिज कई मायनों में खास है। अगर इसकी लागत की बात करें तो 88 साल बाद भी इसे अमेरिका में बने ब्रिज की आधी लागत में बनाया गया है।
यह पुल एफिल टॉवर (नदी तल से 359 मीटर ऊपर) से 35 मीटर ऊंचा है और दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल आर्च रेलवे पुल है। इस पुल के बनने से उधमपुर और बनिहाल आपस में जुड़ जाएंगे और कश्मीर घाटी 12 महीने रेल से जुड़ी रहेगी।
पढ़े : रेलवे की नई शुरुआत, ये स्पेशल ट्रेन सिर्फ 30 घंटे में कश्मीर से मुंबई पहुंचाएगी चेरी
‘चेनाब ब्रिज’ ने पछाड़ा अमेरिका को
अमेरिका ने 1933 में ‘गोल्डन गेट ब्रिज’ बनाया था। इसे बनने में कई साल लगे और 1937 में इसे खोला गया। यह अपने समय का सबसे उन्नत तकनीक वाला पुल था, जो सस्पेंशन वायर पर टिका हुआ था। 1.27 किलोमीटर लंबे इस पुल को 100 साल तक टिके रहने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह पुल इसलिए भी खास है क्योंकि इसे ऐसे समय में बनाया गया था जब अमेरिका महामंदी से गुजर रहा था।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
भारत का अपना ‘चिनाब ब्रिज’ आज के समय के सबसे आधुनिक पुलों में से एक है। इसकी लंबाई 1.31 किलोमीटर है और इसे 120 साल तक टिकने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है। खास बात यह है कि यह पुल 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को भी झेल सकता है। साथ ही यह पुल -10 से लेकर -40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को भी झेल सकता है।
भारत और दक्षिण कोरिया की कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने मिलकर इस पुल का निर्माण किया है। इससे जम्मू-कश्मीर के बीच सड़क मार्ग से यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर 2 से 3 घंटे रह जाएगा। इससे कश्मीर घाटी साल भर भारत के बाकी हिस्सों से जुड़ी रहेगी। इससे वहां साल भर सुरक्षा और रसद पहुंचाना भी आसान हो जाएगा।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
20% लागत पर बना
‘गोल्डन गेट ब्रिज’ उस दौर में 35 मिलियन डॉलर की लागत से बना था। अगर हम 1933 में डॉलर की कीमत आज के डॉलर के हिसाब से आंके तो 35 मिलियन डॉलर की यह रकम 86.37 मिलियन डॉलर हो जाती है। यानी आज इस पुल को बनाने में इतनी ही लागत आई होगी। भारतीय मुद्रा में यह रकम 7416.89 करोड़ रुपये होती।
इसके उलट, सबसे उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करने के बावजूद भारत ने इस पुल को सिर्फ 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है। इससे मेक इन इंडिया की ताकत का भी पता चलता है।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV