UP News: चौंकाने वाला खुलासा!इटावा विवाद से जोड़ा गया ‘पिटाई’ का वायरल वीडियो, असलियत जान उड़ जाएंगे होश
यूपी के इटावा में कथावाचकों से बदसलूकी के मामले से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला कुछ अन्य महिलाओं को लाठी से पीटते हुए दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि यादव समुदाय की एक महिला ने कथा सुनने आईं ब्राह्मण महिलाओं को पीटा.
UP News: सोशल मीडिया (social media) पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला कुछ अन्य महिलाओं को लाठी से पीटते हुए दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि यह घटना उत्तर प्रदेश के इटावा की है, जहां यादव समुदाय की एक महिला ने कथा सुनने आई ब्राह्मण महिलाओं को पीटा. लेकिन, क्या ये दावा वाकई सच है?
जानें वायरल वीडियो का सच
वायरल वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि जब यादवों द्वारा आयोजित कथा में ब्राह्मण महिलाएं पहुंचीं, तो वहां मौजूद यादव समुदाय की एक महिला ने उन्हें पीट दिया. एक फेसबुक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “यादव के कथा में ब्राह्मण महिलाएं पहुंचे तो यादव महिला उसको मारने लगी पर हैं तो हिन्दू धर्म ना इतना नफरत क्यों जब से BJP की सरकार आया है तब से नफरती चालू हुआ है और इसका जिम्मेदार कौन हैं”.
आपको बता दें कि इन दिनों इटावा में कथावाचक मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव से बदसलूकी का मामला काफी सुर्खियों में है. कथावाचकों ने आरोप लगाया है कि यादव जाति से होने के कारण से ऊंची जाति के लोगों ने उनके सिर मुंडवाकर उनके साथ मारपीट की. वहीं, भागवत कथा (bhagwat katha) में शामिल रही एक महिला का कहना है कि कथावाचक ने उसके साथ अभद्रता की थी, जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने ये कदम उठाया. ये भी कहा जा रहा है कि कथावाचक ने पहले खुद को ब्राह्मण बताकर लोगों से झूठ बोला था. फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, और कथावाचकों पर भी महिला से छेड़खानी और पहचान छिपाने के आरोप में FIR दर्ज की गई है.
झारखंड के धनबाद से जुड़ा है मामला
इस वायरल वीडियो की पड़ताल की और पाया कि यह दावा पूरी तरह से झूठा है. जांच में सामने आया है कि यह वीडियो इटावा का नहीं, बल्कि झारखंड के धनबाद का है.
धनबाद में चोरी के शक में हुई थी पिटाई
यह वीडियो 25 जून की एक रिपोर्ट में सामने आया था. इसमें बताया गया है कि यह घटना धनबाद के झरिया इलाके के सुदामडीह की है. यहां एक मंदिर में 9 दिवसीय यज्ञ चल रहा था. इस दौरान एक कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें कुछ महिलाओं पर गहने चोरी करने का शक हुआ. इसके बाद, कुछ अन्य महिलाओं ने उन्हें पकड़कर पीट दिया. पुलिस ने इस मामले में आरोपी महिलाओं को हिरासत में भी लिया था.
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खबर के मुताबिक, कलश यात्रा के दौरान समिति की ओर से शरबत बांटा जा रहा था. इसी भीड़भाड़ का फायदा उठाकर उषा देवी, सुचेता नारायण, बिंदु देवी, राज मुनि देवी और शांति देवी समेत कुल छह महिलाओं की सोने की चेन और मंगलसूत्र छीन लिए गए. आरोपी महिलाओं ने भागने की कोशिश की, लेकिन वे पकड़ी गईं.
पुलिस ने की पुष्टि
बात दें कि इस मामले में जाति का कोई एंगल नहीं था. हमने इस बात की पुष्टि के लिए सुदामडीह पुलिस के एसएचओ राहुल सिंह से बात की. उनका भी यही कहना था कि इस घटना में जाति का कोई संबंध नहीं है. राहुल के मुताबिक, समारोह में हर जाति के लोग शामिल हुए थे. साथ ही, उन्होंने ये भी बताया कि आरोपी महिलाओं के पास से कोई गहने बरामद नहीं हुए थे, इसलिए उन्हें छोड़ दिया गया था.
झूठा है वायरल दावा
यह साफ है कि इटावा वाले मामले की आड़ में इस वीडियो के साथ झूठा दावा किया जा रहा है. इस घटना का जाति से कोई संबंध नहीं है, और यह वीडियो झारखंड के धनबाद का है, जहां चोरी के शक में महिलाओं की पिटाई हुई थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ऐसी भ्रामक जानकारियों से सावधान रहें और किसी भी खबर पर यकीन करने से पहले उसकी सच्चाई जरूर परख लें.
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