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Uttar Pradesh News: मुरादाबाद से असीम अरुण की हुंकार: “जनता को धोखा देने वालों की अब खैर नहीं!”

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण आज मुरादाबाद दौरे पर रहे, जहां उन्होंने न सिर्फ सरकारी हॉस्टलों और स्कूलों का निरीक्षण किया, बल्कि कांवड़ यात्रा के दौरान उठे नेम प्लेट विवाद पर भी खुलकर अपनी बात रखी।

Uttar Pradesh News: Asim Arun's roar from Moradabad: "Those who cheat the public will not be spared now!"

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण आज मुरादाबाद दौरे पर रहे, जहां उन्होंने न सिर्फ सरकारी हॉस्टलों और स्कूलों का निरीक्षण किया, बल्कि कांवड़ यात्रा के दौरान उठे नेम प्लेट विवाद पर भी खुलकर अपनी बात रखी।

उन्होंने अपने दौरे का उद्देश्य बताते हुए कहा, “योगी जी ने हमारे हॉस्टलों और स्कूलों की मरम्मत के लिए अच्छा बजट दिया है। आज मैं यही देखने आया हूं कि इनका सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं।” मंत्री जी ने बताया कि सरकारी अनुसूचित जाति के हॉस्टल का पूरी मरम्मत हो रही है, जहां नई साज-सज्जा की गई है और बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। उनका स्पष्ट मानना था कि योगी सरकार का लक्ष्य है कि समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े परिवारों के बच्चों को भी सर्वोत्तम शिक्षा मिले, ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें और किसी भी परेशानी का सामना न करें।

उन्होंने जोर देकर कहा, “अगर बेटी और बेटा अच्छी पढ़ाई करके आगे बढ़ते हैं, तो उस परिवार को किसी और मदद की जरूरत नहीं पड़ती। वह बच्चा ही अपने परिवार को राह दिखाता है।”

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नेम प्लेट विवाद पर कड़ा रुख: “यह पुराना कानून, सख्ती से होगा लागू”

कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेम प्लेट लगाने को लेकर चल रहे विवाद पर जब सवाल किया गया, तो मंत्री असीम अरुण ने बेहद तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “यह कोई नया कानून नहीं है।

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पुराना कानून है कि भोजन बेचने वाले किसी भी व्यवसायी, किसी भी रेस्टोरेंट को अपने मालिक का नाम और अपना जीएसटी नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “जो लोग इसे बुरा मान रहे हैं, वे वही हैं जो अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, जो अस्वच्छ भोजन बनाते हैं और अपना नाम छिपाते हैं ताकि वे पकड़ में न आएं।” मंत्री ने साफ चेतावनी दी कि यह कानून बहुत पुराना है और इसे अब कड़ाई से लागू किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के किसी निर्देश के कारण इस तरह की कार्रवाई पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय का प्रतिबंध एक अलग विषय था, जबकि विक्रेता के नाम और जीएसटी नंबर को प्रदर्शित करने वाला यह नियम बहुत पुराना है। उन्होंने दोहराया, “इसके उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पूरी कार्रवाई की जाएगी।”

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Written by । Prachi chaudhary । National Desk

2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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