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Anand Singh Gonda: यूपी के ‘टाइगर’ आनंद सिंह का निधन, 86 की उम्र में ली अंतिम सांस!

उत्तर प्रदेश की राजनीति के टाइगर कहे जाने वाले पूर्व कृषि मंत्री और मनकापुर नरेश राजा आनंद सिंह का रविवार देर रात लखनऊ में निधन हो गया। 87 वर्षीय राजा साहब बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

Anand Singh Gonda: UP's 'Tiger' Anand Singh passed away, breathed his last at the age of 86!

Anand Singh Gonda: उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा, पूर्व कृषि मंत्री और ‘यूपी टाइगर’ के नाम से मशहूर आनंद सिंह का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। जिससे गोंडा ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वांचल में गहरा शोक छा गया है। निधन की खबर सुनते ही हर आंख नम हो गई और क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया है।

राजनीतिक सफर

राजा आनंद सिंह (Raja Anand Singh) का जन्म 4 जनवरी, 1939 को हुआ था। उन्होंने 1971 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर गोंडा लोकसभा सीट (Gonda Lok Sabha seat) से जीत हासिल की और संसद पहुंचे। इसके बाद 1980, 1984 और 1989 में भी वह सांसद चुने गए। कुल चार बार उन्होंने गोंडा का प्रतिनिधित्व किया।

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1991 में राम लहर के दौरान उन्हें भाजपा के बृजभूषण शरण सिंह से हार का सामना करना पड़ा। 1996 में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने के बावजूद, उनकी अपनी पत्नी केतकी देवी सिंह ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में उन्हें हरा दिया। इसके बाद उन्होंने संसदीय चुनावों से दूरी बना ली।

हालांकि, राजनीति से उनका रिश्ता खत्म नहीं हुआ। 2012 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर गौरा विधानसभा सीट से चुनाव जीता और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में कृषि मंत्री का पद संभाला। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।

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यूपी टाइगर’ के नाम से जानते थे

आनंद सिंह को उनके समर्थक और करीबी ‘यूपी टाइगर’ के नाम से जानते थे। पूर्वांचल की राजनीति में उनका गहरा दबदबा था। वह अपने सादे व्यक्तित्व, मिलनसार स्वभाव और जमीन से जुड़ी राजनीति के लिए पहचाने जाते थे। कहा जाता था कि मनकापुर कोट (उनका निवास) का हाथ जिसके सिर पर होता था, वह सांसद, विधायक या जिला पंचायत अध्यक्ष बनता था।

बता दें, उनका पुत्र कीर्तिवर्धन सिंह गोंडा से भाजपा सांसद हैं और भारत सरकार में विदेश राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत हैं।

आनंद सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार को मनकापुर कोट लाया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। उनके निधन से न केवल राजनीतिक जगत में बल्कि आम जनमानस में भी गहरा दुख है। उनका अंतिम संस्कार पारिवारिक परंपराओं के मुताबिक किया जा रहा है।

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Written by । Prachi chaudhary । National Desk

2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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