नई दिल्ली: ब्रिटेन की महारानी Queen Elizabeth द्वितीय अब हमारे बीच नहीं हैं. गुरुवार को 96 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. लेकिन आपको इस बात की जानकारी होगी ही कि बिना वीजा, पासपोर्ट के अपने देश को छोड़कर किसी दूसरे देश की यात्रा करना गैरकानूनी होता है. अगर आप किसी दूसरे देश में बिना वीजा और पासपोर्ट के पकड़े जाते हैं तो इसके लिए आपको सख्त से सख्त सजा मिलेगी.
गुलामी के प्रतीकों में बदलाव
स्वतंत्रा दिवस के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में गुलामी के प्रतीकों को हटाने की बात कही थी. जिसके बाद 2 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक स्वदेशी तकनीक से निर्मित स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS Vikrant नेवी को सौंपा. इस मौके पर इंडियन नेवी को नया ध्वज (indian navy flag) से कालोनियन प्रतीक को हटाकर एक नया ध्वज सौंपा था. आपको बता दें कि पहले नेवी (old navy flag) के ध्वज पर लाल क्रॉस का निशान होता था, जो कि कालोनियन इंडिया यानि ब्रिटिश इंडिया के ध्वज में देखा जाता था. अब बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न है. इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण: यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों.
‘राजपथ’ बना ‘कर्तव्यपथ’
दूसरी तरफ राजपथ अब अपने नए नाम से जाना जाएगा. NDMC ने अपनी बैठक में इसे मंजूरी दे दी है. इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने देशवासियों को बधाई दी है. लेखी ने ये भी कहा, ‘राजपथ का नाम बदलने का फैसला मातृभूमि की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.’ राजपथ राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का 3 किलोमीटर की लंबाई वाला रास्ता है. आपको बता दें कि हर बार गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर राजपथ पर ही परेड निकाली जाती है. बीते कुछ समय पहले ही केंद्र की मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने का फैसला किया था.
अभी कुछ समय पहले ही केंद्र की मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने का फैसला किया था केंद्र सरकार के इस फैसले पर आज नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (NDMC) ने बैठक में आखिरी मुहर लगाई. बैठक में नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगने के साथ ही अब राजपथ, कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा.
ये भी पढ़ें- QRSAM Missile: आसमानी ताकत में भारत का सफल परीक्षण, दहशत में चीन और पाकिस्तान
जानें क्यों नहीं पड़ती ब्रिटेन की महारानी Elizabeth को वीजा-पासपोर्ट की जरूरत
Queen Elizabeth दुनिया की एक ऐसी महिला है, जो बिना वीजा और पासपोर्ट के 100 से ज्यादा देश घूम चुकी है. बता दें कि Elizabeth के पास पासपोर्ट है ही नहीं. गौरतलब ये है कि जहां एक तरफ प्रधानमंत्री गुलामी के प्रतीकों को हटाने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ 1947 से आज तक हमारे संविधान में ये तक संशोधन नहीं किया गया है कि ब्रिटेन की गद्दी पर बैठने वाला भारत का राजा/ रानी(King and Queen) नहीं होगा.
जिसके तहत ब्रिटेन की महारानी को भारत (India) के लिए किसी भी तरीके के डाक्यूमेंट्स (वीजा-पासपोर्ट) की जरूरत नहीं पड़ती है. आने वाले समय में क्या इस चीज की संभावना जताई जा सकती है कि मोदी सरकार संविधान संशोधन करके गुलामी के सबसे बड़े धब्बे को संविधान के पन्नों से बाहर करेगा?