अब सीधे भारत से ही होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, चीन जाने का झंझट खत्म
Mount Kailash News : भगवान शिव के आराध्यों के लिए ये खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है। इन दिनों लोग जमकर चारधाम यात्रा पर जाते हैं। लेकिन कई भक्त ऐसे हैं जो कैलाश मानसरोवर जाना चाहते हैं लेकिन ये यात्रा करना हर किसी के लिए इनता ना ही आसान है और न ही संभव है। कैलाश मानसरोवर जाने के लिए कई अधिकारिक प्रक्रियाओं से भी गुजरना पड़ता है। लेकिन बता दें अब से कैलाश की यात्रा आसान होने वाली है।
अभी तक यात्रियों को अपने आराध्य शिव से मिलने के लिए कठिन रास्ता और एक लंबी दूरी का सामाना करना पड़ता था। यानी की चीन के रास्तों से जाना पड़ता था। लेकिन अब अराध्य शिव तक पहुंचने के लिए चीन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भक्त अपने भगवान के दर्शन भारत से ही कर सकेंगे। इस प्रयास से लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। ज्यादा दूरी भी नहीं तय करनी पडेंगी और साथ ही समय की भी बचत होगी। इतना ही नहीं कैलाश मानसरोवर जाने से पहले कई प्रकार की कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था। उनसे भी राहत मिलेगी।
बता दें कि अधिकारियों की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया है किसी सड़क संगठन बीआरओ ने पिथौरगढ़ जिले के नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से भारत चीन की सीमा पर काम जारी कर दिया गया है। भारत-सीमा पर लिपुलेख दर्रे तक सड़क निकालने के दिशा भी तय कर ली गई है। जिस पर काम शुरू हो चुका है। जिसकी संभावना है कि सितंबर तक काम पूरा हो जाएगा।
तो वहीं इस प्रोजेक्ट का नाम डायमंड रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के मुख्य अधिकारी विमल गोस्वामी ने अपना बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से लिपुलेख दर्रे तक लगभग साढें छह किलोमीटर लंबी सड़क काटने का काम जारी कर दिया है। कटिंग का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है और यदि मौसम खराब न हुआ या फिर कोई प्रकृति आपदा न आई तो सिंतबर तक ही काम पूरा हो जाएगा। काम पूरा होते ही सड़क के किनारे ‘कैलाश व्यू प्वाइंट’ तैयार हो जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने हीरक प्रोजेक्ट को ‘कैलाश व्यू प्वाइंट’ बनाने की पूरी जिम्मेदारी सौंपी है। कोरोना महामारी के दौरान कैलाश की यात्रा पर रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद से यात्रा अभी शुरू नहीं की गई है।