मथुरा: जिला अदालत में बुधवार को शैलेन्द्र सिंह की ओर से 11 लोगों की एक याचिका दायर की गयी, जिसमें श्रीकृष्ण जन्म भूमि-शाही ईदगाह केस में दी गई अलग-अलग अर्जियों के बिन्दुओं को समायोजित एक अर्जी मानकर सुनवाई की मांग की है। अदालत ने इस सयुंक्त अर्जी पर सुनवाई के लिए 31 मई की तारीख तय की है।
कुछ दिनों पूर्व इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ नेआदेश मथुरा जिला अदालत को इस केस से जुड़ी सभी अर्जियों का चार महीने में अंदर निपटारा करने का आदेश दिया था । हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि दूसरा पक्ष यानी यूपी सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड सुनवाई के दौरान गैर हाजिर रहता है, अदालत एक पक्षीय फैसला सुना सकती है। इसी बीच आठ अर्जियां देने वाले ने उनकी एक अर्जी मानकर सुनवाई करने की अपील की है।
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गौरतलब है कि मथुरा की अदालत में पहला पक्ष श्रीकृष्ण विराजमान और दूसरा पक्ष यूपी सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड है। इस श्रीकृष्ण विराजमान की मांग है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त करके श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर से शाही ईदगाह-मस्जिद हटाया जाए। उन्होने कहना है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में बनी शाही ईदगाह अवैध है क्योंकि इसे श्रीकृष्ण मंदिर तोड़कर बनाया गया था। इसलिए इस भूमि को उसके वास्तविक स्वामी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास को सौंपा जाए।