Delhi News: आगे की राजनीति क्या होगी यह तो कोई नहीं जानता लेकिन दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार ने जो अध्यादेश जारी किया है उसको लेकर मायावती और अखिलेश यादव के सुर मिलने लगे हैं। इन दोनों नेताओं ने अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है और कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जो अधिकार दे दिया तो फिर केंद्र सरकार को अध्यादेश लाने की क्या जरूरत है। ऐसे में संघीय ढांचे को नुकसान हो सकता है।
बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के प्रशासनिक ताकत रहने की जरूरत है। अधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि अगर दिल्ली सरकार के पास अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होगा तो विकास के काम प्रभावित होंगे। लेकिन इसके बाद ही केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लेकर अदालत के फैसले को पलट दिया है। अब केजरीवाल इस मसले को लेकर विपक्ष के सभी नेताओं से सहयोग की मांग कर रहे हैं और सबसे मिलने की तयारी भी कर रहे हैं। रविवार को केजरीवाल की मुलाकात नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से हुई जबकि उनकी मुलाकात ममता बनर्जी से होगी और फिर वे उद्धव ठाकरे और शरद पवार से भी मिलेंगे।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिये कहा है कि दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान ही। ये बीजेपी की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतान्त्रिक अन्याय का भी। अखिलेश ने इसी ट्वीट में यह भी कहा कि ”बीजेपी जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीट पर उनकी करारी हार होगी। इसलिए जनता से ही बदला ले रही है। यह अध्यादेश के नाम पर जनादेश की हत्या है। ”
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सपा की बातों का ही समर्थन देते हुए मायावती ने कहा कि ”केंद्र और दिल्ली सरकार में आपसी अविश्वास ,असहयोग और टकराव से आम जनहित प्रभावित हो रहा है। जबकि दिल्ली को इनके बीच आपसी सहयोग से विकास ,जनहित और जनकल्याण की बेहतरीन मिसाल होना चाहिए। दोनों के बीच अंतहीन टकराव दुखद है। ”
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बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए शुक्रवार को अध्यादेश जारी किया था। ये अध्यादेश आईएएस ,और दिल्ली ,अंडमान निकोबार दीप समूह ,लक्षद्वीप ,दादर नगर हवेली और दमन द्वीव प्रशासनिक सेवा कैडर के अधिकारियों पर लागू होगा।