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आदिपुरूष के निर्माताओं को हाईकोर्ट की कडी फटकार, सेंसर बोर्ड से भी जवाब- तलब

Adipurush Movie : वकील महापात्रा ने अपने खत और लीगल नोटिस में जिक्र किया है कि फिल्म सिनेमा हॉल में प्रदर्शित होने से पहले सेंसर बोर्ड फिल्म को प्रमाणपत्र देता है। उन्होंने सवाल किया कि आदिपुरुष फिल्म को प्रमाणपत्र से पहले उसकी विषय वस्तु और दूसरी तमाम चीजों की बारीकी से क्यों जांच-पड़ताल नहीं की गई। उसकी जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड की है।

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लोगों की भावना को ठेस पहुंचाने जैसी फिल्म को रिलीज की इजाजत कैसे दी गई?
फिल्म आदिपुरूष में श्रीराम कथा में बदलाव के साथ साथ निम्न स्तरीय संवाद इस्तेमाल करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सख्त रूख अपनाया। कोर्ट ने फिव्म निर्माताओं को कडी फटकार लगाते हुए कहा, कम से कम रामायण , कुरान, गुरूग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथो को तो बख्श दीजिए । बाकी जो करते है, वो तो कर ही रहे है जस्टिस राजेशसिंह चौहान व जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की अवकाशकालीन खंडपीठ ने 26 जून यानी सोमवार को यह टिप्पणी कुलदीप तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की । अदालत ने फिल्म सेंसर बोर्ड के अधिवक्ता से भी पूछा, आखिर बोर्ड फिल्म में क्या दिखाना चाहता है ?? क्या (sensor board) सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों को नही समझता ?? कोर्ट ने बोर्ड से 27 जून यानी मंगलवार को मामले में जवाब तलब किया है । खंडपीठ ने फिल्म के निर्माता , निर्देशक सहित अन्य प्रतिवादियों की कोर्ट में अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई । याची की ओर से अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने फिल्म में रावण के चमगादड को मांस खिलाने , काले रंग की लंका , चमगादड को रावण का वाहन बताने , सुषेन वैद्द की जगह विभीषण की पत्नी के लक्ष्मण को संजीवनी बूटी देने, आपत्तिजनक संवादों समेत अन्य तथ्यों को कोर्ट के समक्ष रखा। याची ने विचारधीन जनहित याचिका के साथ दो अर्जी दाखिल की है जिसमें संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को भी पक्षकार बनाने का आग्रह किया है

कोर्ट इस पर 27 जून यानी मंगलवार को सुनवाई करेगा ।
फिल्म में आपत्तिजनक सामग्री को सनातन आस्था पर हमला बताते हुए इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई है. बता दें याची ने 2 अक्टूबर 2022 को फिल्म का टीजर रिलीज होते ही आपत्तिजनक तथ्यो को लेकर रोक लगाने की याचिका दी थी । कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को नोटिस भी जारी किया । याची का कहना है, नोटिस के बावजूद बोर्ड ने जवाब नही दिया । निर्माताओं ने सुधार की बात कहकर रिलीज छह माह के लिए टाली थी , पर आपत्तिजनक साम्रगी अभी भी बरकरार है।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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