France Violence: फ्रांस में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। हिंसक विरोध प्रदर्शन की लगातार चौथी रात प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए फ्रांस ने 30 जून यानी शुक्रवार को हल्के बख्तरबंद वाहनों के साथ 45,000 अधिकारियों को तैनात किया है। ये दंगे पुलिस गोलीबारी में एक युवक की मौत (France Violence) के बाद हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक बता दें 27 जून यानी मंगलवार को पेरिस के पास ट्रैफिक चेकिंग के दौरान पुलिस ने फायरिंग की जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद पूरे देश में दंगा भड़क गया. हिंसक लोगों पर काबू पाने के लिए भारी संख्या में पुलिसकर्मियों (france police) और अन्य सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
प्रदर्शन के दौरान भड़की भीड़ ने (France Violence) बैरिकेट लगाकर सड़कों को जाम किया, आगजनी की और पुलिसकर्मियों पर पटाखे फेंके। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी फेंका। इस सिलसिले में 875 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है और प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प की घटनाओं में 200 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। ट्रैफिक चेकिंग के दौरान 17 वर्षीय नाहेल की मौत का वीडियो भी सामने आया है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और लोग काफी आक्रोशित हैं।
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बच्चों को घर पर रखें माता-पिता
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 30 जून यानी शुक्रवार को सभी माता-पिता को अपने बच्चों को घर पर रखने का आग्रह किया और पूरे फ्रांस में फैल रहे दंगों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध (France Violence) लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। वरिष्ठ मंत्रियों के साथ दूसरी आपात बैठक के बाद, मैक्रों ने कहा कि ‘Snapchat’ और ‘Tiktok’ जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इस सप्ताह हिंसा की गतिविधियों को बढ़ावा देने में भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘सबसे संवेदनशील सामग्री को हटाने’ के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ काम करेगी।
फ्रांस में मचा कोहराम
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने उपनगर क्लिची-सूस-बोइस “clichy-sous-bois” के सिटी हॉल में आग लगा दी और ऑबर्विलियर्स (aubervilliers) में एक बस डिपो को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि पेरिस के कई क्षेत्रों में लोगों के समूहों ने सुरक्षा बलों (security forces) पर पटाखे फेंके। क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया कि शहर के 12वें प्रांत के पुलिस थाने पर हमला किया गया, जबकि रिवोली स्ट्रीट (Rivoli Street) लौवर संग्रहालय के निकट और मध्य पेरिस के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल ‘Forum des Halles’ में कुछ दुकानें लूट ली गईं।