सरकार की कोशिशों पर फेर रहें पानी, यहां की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह बेहाल
UP News : प्रदेश में योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र में हर घर का बच्चा शिक्षित हो। इसके लिए जिले के अधिकारी जागरूकता अभियान भी चला रहे है। लेकिन सरकार के नुमाइंदे सरकार की नीतियों पर पलीता लगा रहे है । एक ऐसा ही मामला सामने आया है कानपुर देहात के डेरापुर विकास खण्ड के गांव अहिरन गढेवा गांव से। जहाँ गांव में पूर्व माध्यमिक विद्यालय बना है।
विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक सहित 3 अध्यापक तैनात है। विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चो की संख्या 42 है और इस विद्यालय का खुलने का समय सुबह 8 बजे का है। जहां विद्यालय 9 बजकर 15 मिनट तक बन्द मिला। जिसके बाद कुछ देर में विद्यालय के गेट पर मिड-डे मील बनाने के लिए तैनात रसुइया रैना देवी पहुंची और उसने स्कूल का गेट खोला। विद्यालय में 3 अध्यापक है आज तक कभी एक साथ तीनो अध्यापक विद्यालय नही आये।
अध्यापक छात्रों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है। अध्यापक विद्यालय समय से नहीं पहुंचे। जिसके कारण बच्चे स्कूल के गेट पर अध्यापकों का इंतजार करते रहते हैं।
इस मामले को लेकर जिलाधिकारी नेहा जैन मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही फिलहाल इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नेहा जैन के तेवर सख्त है। सरकार की मंशा के अनुरूप शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने का प्रयास है और इस प्रकरण को गम्भीर बताते हुए डीएम ने एसडीएम की टीम बनाकर जिले भर के विद्यालयों की चेकिंग करवाने और कार्यवाही करने की बात कही। लेकिन देखने वाली बात ये है कि छात्रों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों पर कब और क्या कार्रवाई होगी। या फिर ये मामला सरकारी कागजों तक ही सीमित रह जाएगा.
शिक्षा की लाचार व्यवस्था की तस्वीर ये कोई पहली बार निकलकर नहीं आई है इससे पहले भी कई बार देखी गई है। औऱ नाही कोई आखिरी बार है राज्य ही नहीं देश के कई ऐसे कोने हैं जहां शिक्षा का सिस्टम सुधार और कार्रवाई की मांग कर रही है । आज भी स्कूल की दिवारें शिक्षा में बेहतरी की गुहार लगा रही होंगी। जहां शायद ही अभी कोई पहुंच पाया है।