Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी परिसर पर किसका अधिकार हो इसको लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्षकार लड़ाई लड़ रहे हैं। सबके अपने दावे हैं। हिन्दू पक्ष मान रहा है कि ज्ञानवापी परिसर हिन्दू देवी देवताओं से जुड़ा है इसलिए यह परिसर हिन्दुओं को मिलना चाहिए और इसका सर्वे भी होना चाहिए ताकि सच का पता चल जाए। उधर मुस्लिम पक्षकारों के अपने तर्क हैं। इसी बीच 3 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे जारी (Gyanvapi Survey) रखने का जैसे ही आदेश दिया हिन्दुओं ने जश्न मनाया। कहा गया कि यह हिन्दुओं की जीत है। लेकिन थोड़ी देर बाद मुस्लिम पक्षकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। अपनी अर्जी पेश की। इसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा है कि आपने ईमेल के जरिये जो बातें रखी है हम उसे देख लेते हैं। विचार करके जल्द ही इस पर आदेश जारी करेंगे। बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष अंजुमन इन्तजामियां मस्जिद समिति सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। वकील निजाम पाशा ने एएसआई सर्वे को रोकने की मांग सीजेआई से की है।
इधर जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने जल्द आदेश देने की बात कही उसके तुरंत बाद हिन्दू पक्ष की तरफ से याचिकाकर्ता राखी सिंह ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया और कहा कि कोई भी फैसला करने से पहले उसका पक्ष भी सुन लिया जाए।
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बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे पर हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर यह जानकारी अहम है कि कल सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की एक याचिका सुनवाई के लिए लगी हुई है। यह वह याचिका है जिसमें हिन्दू श्रद्धालु महिलाओं के आवेदन को सुनवाई योग्य ठहराने का विरोध किया गया है। ऐसे में चार तारीख को भी हाई कोर्ट के फैसले का मामला उठ सकता है।
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी जिला कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि एएसआई सर्वे (Gyanvapi Survey) से इमारत को कोई नुकसान नहीं होगा। न्याय हित में सर्वे कराया जाना जरुरी है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद सर्वे पर लगी रोक हट गई है और अब कभी भी ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया जा सकता है।