G-20 Summit in India! खबर मिल रही है कि रूस के राष्ट्रपति और भारत के सबसे पुराने मित्र रूस के राष्ट्रपति इस बार जी 20 की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली नहीं आ रहे हैं। भारत को यह उम्मीद थी की पुतिन भारत आएंगे लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। वे ब्रिक्स की बैठक में भी जोहान्सबर्ग नहीं पहुंचे थे। रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर उनपर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर रखा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जो भी देश इस अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट का सदस्य है नियम के मुताबिक पुतिन को उसके हवाले करना पड़ेगा। दक्षिण अफ्रीका भी इसी वजह से पुतिन नहीं जा सके थे। वर्चुअल सेपेच के जरिये ही उन्होंने जोहान्सबर्ग बैठक को सम्बोधित किया था। याद रहे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत सात तारीख को ही पहुँच रहे हैं। वे तीन दिनों तक भारत में रहेंगे। किसी अमेरिकी राष्ट्रपति का यह सबसे लम्बा दौरा है। रूस यूक्रेन युद्ध में अमेरिका रूस के खिलाफ है।
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विकसित और विकासशील देशों का सबसे बड़ा समूह जी 20 की बैठक दिल्ली में अगले महीने की 9 और 10 तारीख को होने जा रही है। भारत इस बार इस समूह का मेजबानी कर रहा है। इस समूह की बैठक में दुनिया भर के देशों के प्रमुख और उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे। भारत ने सभी सदस्य देशों को इसके लिए निमंत्रण भी भेज दिया है। इसके साथ ही इस बैठक में दुनिया के सभी बड़े वित्तीय ,मानवाधिकार संगठनों की भी उपस्थिति होनी है। इसकी तैयारी दिल्ली में जोर शोर से चल भी रही है। आने वाले मेहमानों को कोई तकलीफ नहीं हो और भारत की छवि दुनिया भर में एक विकासशील देशों के रूप में उभर इसके सारे इंतजाम भी किये गए हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत के दौरे पर नहीं आ रहे हैं इसकी सूचना भारत सरकार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने दे दी है। उन्होंने कहा है कि पुतिन भारत में सितम्बर में होने वाले जी 20 सम्मलेन के लिए योजना नहीं बना रहे हैं। अभी उनका मुख्य फोकस एक ख़ास सैन्य अभियान पर है। बता दें की मास्को और कीव के बीच फरवरी 2022 से ही युधा चल रहा है। इस युद्ध में काफी लोग मारे गए हैं। बड़ी संख्या में लोग पलायन के शिकार भी हुए हैं और इस युद्ध में बच्चो की भी मौत हुई है।
भारत इस समय जी 20 शिखर बैठक की मेजबानी कर रहा है। यह समूह दुनिया के सभी विकसित और विउकसशील देशों का समूह है। इसके सदस्य देश घरेलू उत्पाद के 85 फीसदी वैश्विक व्यापार का 75 फीसदी से ज्यादा और विश्व जनसंख्या का लगभग दो तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। इस समूह के सदस्य देशों में शामिल है,- अमेरिका ,रूस ,चीन ,भारत ,अर्जेंटीना ,कनाडा ,फ्रांस जर्मनी ,इंडोनेशिया ,इटली ,जापान ,कोरिया गणराज्य ,ऑस्ट्रेलिया ,ब्राजील ,यूल ,दक्षिण अफ्रीका ,तुर्की ,यूरोपीय संघ सऊदी अरब और बहुत सारे देश।