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चीन सीमा विवाद: क्या भारत को पेट्रोलिंग पॉइंट्स से खोया अधिकार वापस मिलेगा?

China Border Dispute: क्या भारत चीन के साथ सीमा विवाद सुलझा पायेगा? यह बड़ा सवाल है। ब्रिक्स की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच केवल अनौपचारिक बातचीत हुई है। खबर के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मोदी ने थोड़ी सी बातचीत में जिनपिंग से सीमा विवाद के मुद्दे को उठाया भी लेकिन चीन ने कोई बड़ी बात अभी तक नहीं कही है। हालांकि चीन की तरफ से भी कि सीमा विवाद हल होना चाहिए लेकिन चीन जहां खड़ा है वहां से अभी पीछे जाने को तैयार नहीं है।

China Border Dispute

सबसे अहम सवाल यह है कि क्या लद्दाख में भारत को 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स से खोया अधिकार वापस मिलेगा? जोहान्सबर्ग में जिनपिंग और मोदी के बीच जो बातचीत हुई है उसमें जिनपिंग ने भी सीमा (China Border Dispute) पर जारी तनाव को कम करने की बात तो कही है लेकिन कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आये हैं। अब कहा जा रहा है कि संभव है कि सितम्बर के पहले सप्ताह में जब दिल्ली में जी-20 की बैठक में जिनपिंग भारत आएंगे तो सीमा विवाद को लेकर कोई ठोस बातचीत हो सकती है। बता दें कि दिल्ली में 9 और 10 सितम्बर को जी-20 की बैठक हो रही है और उस बैठक में जिनपिंग का आना निश्चित है।

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बता दें कि चीन और भारत के बीच के लद्दाख की सीमा पर सीमा विवाद चल रहा है। यह विवाद एलएसी को लेकर है। विवाद को ख़त्म करने के लिए अभी तक दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर 19 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन हल कुछ भी नहीं हुआ है। बता दें कि लद्दाख में पहले भारत 65 पॉइंट तक पेट्रोलिंग करता था जो सिमट कर अब कम हो गया है। अभी भारत 26 पॉइंट्स तक पेट्रोलिंग नहीं कर रहा है। पिछले दिनों लोकसभा में भी इस मुद्दे पर सवाल उठे थे। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन से लगती सीमा पर पेट्रोलिंग पॉइंट्स को लेकर कई सवाल पूछे थे। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या चीनी बॉर्डर पर हमने 65 में से 26 पॉइंट्स का अधिकार खो दिया है? क्या बफर जोन भी भारत की जमीं (China Border Dispute) पर बने हुए हैं?दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई नतीजा निकला क्या? उन्होंने यह भी कहा कि बॉर्डर पर हमारे जवान सेना से लड़ रहे हैं और सरकार चीन के साथ लगातार व्यापार बढ़ाती जा रही है। तिवारी ने पूछा कि क्या आक्रमण करने के पैसे हम चीन को दें रहे हैं?

यह भी बता दें कि पिछले जनवरी में डीजीपी और आईजीपी के सम्मेलन में एक विस्तृत सिक्योरिटी रिसर्च पेपर सामने आया था। उस पेपर में चीन द्वारा अवैध कब्जे की बात सामने आयी थी। मनीष तिवारी ने उसी पेपर का हवाला देते हुए कहा था कि क्या भारत 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स से अपना कब्ज़ा खो चुका है? उसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि 2020 से पहले भारत 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक जाता था। गलवान घाटी में हमारे 20 सैनिक शहीद भी हो गए थे।

इधर चीनी कब्जे को लेकर राहुल गांधी भी मोदी सरकार पर हमला करते रहे हैं। इसके साथ ही बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी बार-बार कहते रहे हैं कि भारत की चार हजार वर्ग किमी की जमीन पर चीन का कब्ज़ा हो चुका है और सरकार कुछ भी नहीं कर रही है। ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली की बैठक में शायद चीन इस पर कोई बात करें और सीमा विवाद को ख़त्म करें।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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