Rahul Gandhi on PM Modi: राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला किया है। राहुल ने यह हमला अडानी समूह को लेकर किया है। मुंबई में एक प्रेससवार्ता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कुछ विदेशी अखबार का हवाला देते हुए कहा कि दो बड़े अंतर्राष्ट्रीय अखबारों ने बड़े सवाल खड़े किये हैं। जिससे देश की छवि पर असर पड़ा है।
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अडानी समूह की जांच जेपीसी से कराने की मांग करते हुए राहुल (Rahul Gandhi) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के एक करीबी ने बिलियन डॉलर का इस्तेमाल करते हुए शेयर के लिए काम किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि यह पैसा किसका है? अडानी या फिर और किसी का? इसकी जांच तो होनी चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि अभी जी-20 का माहौल है। ऐसे में देश के लिए जरुरी है कि यहां के आर्थिक और कारोबारी क्षेत्र में सभी के लिए बराबर के मौके और पारदर्शिता रहे।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स का हवाला देते हुए कहा कि इसमें गौतम अडानी के बारे में खबर है कि उनके परिवार से जुड़े व्यक्ति ने विदेशी फंड के जरिये अपने ही स्टॉक में निवेश करवाया। इसके तहत देश के करीब एक लाख डॉलर बाहर चला गया। यह पैसा अलग-अलग देशों से गुजरते हुए अडानी समूह के शेयरों में लगा और फिर इसकी कीमत बढ़ी।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सवाल किया कि यह पैसा किसका है? ये अडानी समूह का पैसा है या फिर किसी का है? राहुल ने कहा कि इसका मास्टरमाइंड विनोद अडानी है। विनोद अडानी के साथ दो और नासिर अली सबन अली और एक चीनी नागरिक चैंग चोंग लिंग हैं।
बता दें कि मुंबई में इंडिया गठबंधन की दो दिवसीय बैठक चल रही है। यह बैठक आगामी चुनाव में सभी विपक्षी दलों को आपस में मिलकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने को लेकर है। इंडिया गठबंधन को उम्मीद है कि आगामी चुनाव में बीजेपी को टक्कर दी जा सकती है। बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 37 फीसदी वोट मिलते रहे हैं जबकि बाकी वोट विपक्षी दलों में बंटकर बर्बाद होते रहे हैं। ऐसे में अगर सभी विपक्षी दल एक साथ होकर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी को हराया जा सकता है।
हालांकि विपक्षी गठबंधन में भी कई तरह के पेंच हैं। हर राज्यों में अलग-अलग क्षेत्र हैं और उनकी राजनीति वहां चलती रही है। बीजेपी को लग रहा है कि सीट बंटवारे को लेकर ये सभी दल आपस में लड़ेंगे और और फिर एकता टूट जाएगी। लेकिन यह सब बीजेपी की सोच है। लेकिन ऐसा नहीं होता है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है और बीजेपी को भी इस बात की जानकारी है।