Karnataka Latest News! इसी साल के मई महीने में कर्नाटक में हुए चुनाव में बीजेपी को पछाड़ते हुए कांग्रेस ने सत्ता की प्राप्ति की थी। कांग्रेस के अरमान पुरे हुए थे। देश में इसकी खूब चर्चा हुई थी। कांग्रेसियों में तरंग जगे थे। देश में कांग्रेस के लिए उम्मीद जगी थी। राहुल गाँधी की खूब वाहवाही हुई थी। प्रियंका गाँधी से लेकर कांग्रेस के कई नेताओं की राजनीति खिल सी गई थी। विपक्षी पार्टियों को भी लगा था कि कांग्रेस का भविष्य अभी ज़िंदा है। इसे जमींदोज नहीं किया जा सकता।
कर्नाटक की जीत से कांग्रेस को एक बड़ा सम्बल मिला था। इससे पहले कांग्रेस ने हिमाचल में जीत हासिल की थी। लेकिन जितने जातां के साथ कांग्रेस की कर्नाटक में जीत हुई ,सरकार बनाने में उठीं की परेशानी भी आई। जाहिर है जीत का श्रेय कई नेता ले रहे थे। सिद्धरमैया प्रदेश के बड़े नेता रहे हैं। वे मुख्यमंत्री के स्वाभाविक दावेदार थे और इधर डीके शिवकुमार भी सीम उम्मीदवार थे। पार्टी को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका इस बार बड़ी थी।
राजनीति तो एक व्यापार है। एक लगाओ दस पाओ। आज मेहनत करो कल फसल काटो। पार्टी के बहुत से विधायक छ रहे थे कि शिवकुमार ही सीएम बने। उधर पार्टी के पुराने नेता सिद्धरमैया पर अड़े रहे। अंत में क्या डील हुई कोई नहीं जानता। लेकिन सामने तो यही तस्वीर सामने आयी कि सिद्धरमैया सीएम घोषित किये गए और शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बनाये गए।
लेकिन सरकार बने अभी पांच महीने भी नहीं हुए थे कि कर्नाटक में एक नयी राजनीति शुरू हुई। चुनाव के दौरान जो पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ आग उगल रही थी चुनाव के बाद और परिणाम आने के बाद उनमे से दो पार्टियां एक सातरः गठजोड़ करने को तैयार हो गई। ये पार्टी है बीजेपी और जेडीएस। इधर इन दोनों के बीच गठजोड़ हुए और जेडीएस के भीतर बवाल मचा। पार्टी के कई नेता जेडीएस से अलग हो गए। यहाँ तक कि जेडीएस कर्णाटक के प्रदेश अध्यक्ष ही पार्टी से अलग हो गए। उन्होंने देवगौड़ा पर कई सवाल भी खड़े किये।
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लेकिन यह सब राजनीति का एक पहलू था। दूसरा पहलू था कि दोनों पार्टियां मिलकर कांग्रेस की सरकार को गिरा देना। कहा जाता है कि जनता को दिखाने के लिए तो यही कहा गया कीब्जप और जेडीएस मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को एक सीट भी नहीं जितने देंगे। याद रहे पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अधिकतम लोकसभा सीटें जीतने में कामयाबी मिली थी। लेकिन सच्चाई यही थी कि लोकसभा चुनाव से पहले कैसे कांग्रेस की इस सरकार को गिरा दिया जाए।
अब जिस तरह की कहानी कर्नाटक कांग्रेस के भीतर देखी जा रही है उससे तो यही लगता है कि ऑपरेशन कमल वहां शुरू हो गया है। कुछ दिन पहले ही एक विधायक ने अचानक इस बात की चर्चा की कि शिवकुमार को जल्द सीएम बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ढाई साल बाद शिवकुमार ही सीएम बनेंगे। इसके बाद सिद्धरमैया भड़क से गए। पार्टी के भीतर काफी तनाव भी आये। लेकिन मामला को सलटा लिया गया।
अब फिर से शिवकुमार को लेकर बातें होने लगी है। इसी बीच पार्टी अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के बेटे जो कर्नाटक सरकार में मंत्री भी हैं ,उन्होंने कहा है कि वे भी सीएम के उम्मीदवार हो सकते हैं। प्रियंक खड़गे ने कहा कि सिद्धरमैया को सीएम बने रहना चाहिए और शिवकुमार को सीएम बनाना चाहिए। इसके साथ ही अगर आलाकमान सीएम बनने के लिए हमसे पूछता है तो हम भी तैयार हैं।
इसके बाद प्रियंक ने जो बाते कही है वह ज्यादा ही मारक है। प्रियनक ने कहा कि कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए गृह मंत्री शाह ने प्रदेश बीजेपी को हजार करोड़ रुपये दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के लोग लगातार कांग्रेस विधायकों से मिल भी रहे हैं। एक विधयक की कीमत 50 रखी गई है साथ ही मंत्री का पद भी।
इसमें कितनी सच्चाई है यह तो समय ही बताएगा। लेकिन सिद्धरमैया ने जो कहा है कि वे पांच साल तक सीएम रहेंगे ऐसे में कांग्रेस के दूसरे गुटों के बीच बीजेपी आग लगा रही है इस बात की ही बढ़ गई है। आने वाले समय में बीजेपी कर्नाटक में कोई बड़ा खेला करने को तैयार है ताकि सदक्षिण का द्वार उसके पास रहे। लेकिन ऑपरेशन कमल कितना सफल होगा इसे देखने की बात होगी।