Indian-Myanmar: खून से लथपथ पांच हजार से ज्यादा म्यांमार की जनता देर रात और आज की सुबह तक भारत की सीमा में प्रवेश किये हैं। ये सभी लोग मिजोरम में शरण लिए हुए हैं। भारत सरकार इनका देखरेख कर रही है और खाने -पीने की व्यवस्था भी कर रही है। बड़ी बात ये है कि इन शरणार्थियों के साथ 39 म्यांमार सेना के जवान भी पहुंचे थे। वे घायल थे और पुरे शरीर से खून बह रहा था। जानकारी के मुताबिक भारत की सीमा में आये उन सभी सैनिकों का उपचार भी किया गया है और फिर उन्हें म्यांमार भेज दिया गया है। लेकिन पांच हजार से ज्यादा शरणार्थी अभी भी मिजोरम में रह रहे हैं। वे काफी डरे हुए हैं।
इन शरणार्थियों में नबाडी संख्या में बच्चे और महिलाये हैं। बूढ़े लोगों की तादात भी है और सबसे बड़ी बात है कि ये सभी काफी डरे हुए हैं। भारत सरकार से ये लोग शरण देने की गुहार लगा रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि वे वापस नहीं जायेंगे क्योंकि उनकी जान को खतरा है।
जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक म्यांमार में सेना और विद्रोही संगठनों के बीच हमले जारी हैं। देर रात अचानक म्यांमार की कई विद्रोही गुटों ने मिलकर सेना की चौकियों पर हमला किया और कइयों को मार गिराया और बड़ी संख्या में जवानो को घ्याल कर दिया है। बाद में विद्रोहियों ने सेना की चौकी को भी अपने कब्जे में कर लिया। इन्ही घायल जवानी में से 39 जवान जान बचाकर भारत की सीमा में प्रवेश कर गए थे।
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मिजोरम पुलिस के मुताबिक मिजोरम से सटे हुए म्यांमार का चिन राज्य है और यहाँ रिखीद्वार और खावमावि सेना चौकी है। देर रात इन चौकियों पर चिनलैंड डिफेंस फ़ोर्स ,पीपुल्स डिफेंस फ़ोर्स और चिन नेशनल आर्मी नामक विद्रोही संगठनों ने संयुक्त अभियान चलकर म्यांमार की सेना चौकियों को ध्वस्त कर दिया और कई लोगों की जाने ले ली। बाद में जब सेना के जवान सतर्क हुए तो भीषण लड़ाई हुई। खबर के मुताबिक म्यांमार की सेना ने फिर से चौकियों पर कब्ज़ा कर लिया है लेकिन उसके कई सैनिक भी इस अभियान में मारे गए हैं।
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रात भर चली गोलीबारी में भारी संख्या में स्थानीय लोग भी घायल हुए हैं। फिर अपनी जान बचाने के लिए म्यांमार के लोग मिजोरम की सीमा में प्रवेश करते चले गए। खबर के मुताबिक म्यांमार के कई गांव के लोग मिजोरम की सीमा में पहुँच गए हैं और खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।