गाजियाबाद: पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर व शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि जी ने सोमवार को उपजिलाधिकारी गाजियाबाद को अपना शपथ पत्र देते हुए कहा कि नूपुर शर्मा की जिन बातों को लेकर इतना हंगामा हो रहा है, इस बारे में कहना चाहता हूं कि नूपुर शर्मा ने जरा भी झूठ या गलत नहीं बोला है। नूपुर शर्मा ने जो भी कहा है वह स्वयं इस्लाम की किताबों से सिद्ध हो जायेगा।
यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि नूपुर शर्मा और मुझ पर देश की अदालतों में मुकदमा चलाकर यह तय किया जाए कि हमने इस्लाम के बारे में सच बोला है या झूठ। अगर नूपुर शर्मा की बात झूठ निकलती है, तो हमें फांसी पर चढ़ा दिया जाना चाहिए परंतु यदि उसकी बात सच निकलती है तो इस बात पर बवाल काटने के एक एक दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए।
कुछ मुस्लिमों की गलत हरकतों के कारण आज मुस्लिम समाज सारी दुनिया में घृणा और तिरस्कार की नजरों से देखा जा रहा है। ये लोग किसी दूसरे की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान नहीं करते और गैर इस्लामी समाज से अपेक्षा करते हैं कि इनकी धार्मिक किताबो में लिखी बातों का सही मानकर उसका सम्मान करें।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम समाज को बताना चाहता हूं कि जितना सम्मान वे हमारी धार्मिक आस्थाओं का करेंगे,उतना ही सम्मान हम भी उनके धर्म का करेंगे। अब सारी दुनिया में मोहम्मद पर किताबें लिखी जा रही हैं,ऐसे में मुसलमान केवल भारत को निशाना बना कर हैं, लेकिन हम उनके उन्माद और हिंसा से डरने वाले नहीं हैं।
यह लिखित वक्तव्य आज उपजिलाधिकारी गाजियाबाद को अपना शपथ पत्र देते हुए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर व शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने दिया।उन्होंने यह वक्तव्य प्रेस विज्ञप्ति और वीडियो के माध्यम से दिया।
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उपजिलाधिकारी विनय सिंह जी ने उनका यह शपथपत्र स्वयं शिवशक्ति धाम डासना में आकर लिया।शपथपत्र देते समय अनिल यादव और डा. उदिता त्यागी,अक्षय त्यागी, मुकेश त्यागी तथा संजय त्यागी भी वहां उपस्थित थे। शपथपत्र के साथ ही महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने उपजिलाधिकारी को अली सीना द्वारा रचित अंडरस्टैंडिंग मोहम्मद सहित अनेक ऐसी पुस्तकें दी, जिनके माध्यम से इस्लाम की सच्चाई को समझा जा सकता है।
शपथपत्र देते समय महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने यह भी कहा की कतर और ईरान जैसे कट्टर इस्लामिक देश पहले दुनिया को ये बताएं कि उन्होंने अपने देश में दूसरो की धार्मिक आस्थाओं का कितना सम्मान किया है।हमारे देवी देवताओं के अपमान की हर पराकाष्ठा को पार करने वाले मकबूल फिदा हुसैन को संरक्षण और सम्मान देने वाला कतर आज हमसे सवाल पूछने की हिम्मत कर रहा है, ये भारत के सौ करोड़ हिंदुओ के लिए शर्म की बात है।अब हमें घटिया मानसिकता वाले देशों को उनकी औकात बताने का कार्य करना चाहिए।