Andhra Pradesh Politics Headlines Today: वैसे तो दक्षिण भारत में बीजेपी का आधार अभी तक कमजोर ही रहा है लेकिन जिस तरह से संघ और बीजेपी की घेराबंदी दक्षिण के सभी राज्यों में जी रही है उससे साफ़ लगता है कि इस बार दक्षिण को फतह करने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। खासकर तमिलनाडु और केरल के साथ ही आंध्रप्रदेश में इस बार बीजेपी बेहतर चुनावी परिणाम को मानते हुए कई संभावाओं को तलाश रही है।
आँध्रप्रदेश (AP political news) में बीजेपी इस बार बड़ा गठबंधन करने जा रही है। बीजेपी ने अभी हाल ही में टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू से हाथ मिलाया है इसके साथ ही पवन कल्याण की पार्टी जन सेना पार्टी को भी अपने साथ जोड़ा है। जाहिर है कि यह गठबंधन मजबूती के साथ चुनाव में उतरती है तो सत्तारूढ़ जगन मोहन की पार्टी वाईएसआर की मुश्किलें बढ़ सकती है। बीजेपी की परेशानी अभी तक यही रही है कि वह टीडीपी और जगन मोहन की पार्टी के साथ सम्बन्ध बनाकर चल रही थी। केंद्र सरकार के हर काम में इन दलों का समर्थन बीजेपी को मिलता रहा है। लेकिन अब जब बीजेपी के साथ चंद्रबाबू नायडू मिलने जा रहे हैं तो जगन मोहन रेड्डी की परेशानी अब बढ़ती जा रही है।
अब जगन मोहन की पार्टी ने बीजेपी पर बड़ा हमला किया है। जहाँ की पार्टी वाईएसआरसीपी ने कहा है कि अगर सभी दल भी एक साथ आ जाए तो भी सीएम जगन मोहन रेड्डी की एक और जीत को कोई रोक नहीं सकता। वाईएसआरसीपी के महासचिव सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने कहा है कि गठबंधन के लिए उनके बेताव प्रयास उनकी कमजोरी और जगन रेड्डी की ताकत को दर्शा रहा है।
उन्होंने कहा कि चाहे वे कुछ भी कर लें हमें 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का समर्थन प्राप्त है इसलिए अगर वे एक साथ भी मैदान में आते हैं तो भी हमारी जीत होगी। बता दें कि बीजेपी और टीडीपी के गठबंधन के बाद जगन की पार्टी बौखला गई है। यह भी बता दें कि गुरुवार को ही सीट बंटवारे को लेकर नायडू और पवन कल्याण की मुलाकात अमित शाह और जेपी नड्डा से हुई है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार तीनो दल मिलकर आँध्रप्रदेश (AP political news) की राजनीति में बड़े बदलाव की सम्भावना को तलाश रहे हैं। बीजेपी की नजर लोकसभा चुनाव पर है जबकि टीडीपी चाहती है कि विधान सभा चुनाव में उसे ज्यादा से ज्यादा सीटें मिले।
जगन की पार्टी के महासचिव रामकृष्ण रेड्डी ने कहा है कि टीडीपी ख़त्म हो गई और जो बची है वह वेंटिलेटर पर है और जन सेना पार्टी की प्रदेश में कोई मौजूदगी नहीं है। यहाँ तक की जनता यह भी जानती है कि इस राज्य में बीजेपी की क्या स्थिति है और उसे कितने वोट मिले हैं? जो हो रहा है उससे साफ़ लगता है कि बीजेपी की विफलता निश्चित है। वाईएसआर ने कहा है कि आने वाले समय में क्या होता है इसे देखने की जरूरत है। जब सीटों को लेकर खेल होगा तब पता चलेगा कौन किस पर भारी है और कौन कितने पानी में है।
वैसे इस बार जगन की मुश्किलें केवल बीजेपी गठबंधन से ही नहीं बढ़ रही है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में पहुँच रही है। जगन की बहन शर्मिला कांग्रेस से जुडी हुई है और कांग्रेस ने शर्मिला को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। शर्मिला रात दिन प्रदेश का भ्रमण कर रही है और महिला के साथ ही युवाओं को जोड़ रही है। जगन की परेशानी इससे भी बढ़ी हुई है।
आँध्रप्रदेश में (AP political news) इस बार लोकसभा चुनाव के साथ ही विधान सभा चुनाव भी होने हैं। एक तरफ जगन को कांग्रेस से जूझना है तो दूसरी तरफ बीजेपी और उसके मजबूत गठबंधन का भी सामना करना है।