Why BJP Lost: आखिर कैसे जीतकर भी ‘हार’ गई बीजेपी, विपक्ष ने फैलाया दुष्प्रचार!
Why BJP Lost: 24 के सियासी घमासान में चाहे नरेंद्र मोदी हो या फिर जेपी नड्डा या अमित शाह या फिर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ…बीजेपी का शायद ही ऐसा कोई नेता होगा…जिसे 24 के चुनाव में महज 240 सीटों पर सिमट जाने का जरा सा भी आभास हो…। चुनावी प्रचार के दौरान इन नेताओं के चेहरे की चमक…और कॉन्फिडेंस ने कभी भी इन्हे ये सोचने पर मजबूर नहीं किया…। लेकिन 4 जून के नतीजों ने बीजेपी नेताओं के पैरों तले की जमीन खिसका दी..। आखिर ये कैसे हुआ? 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जातीय समीकरण को भेदकर धर्म आधारित बना दिया…सभी जातियों को एक छतरी के नीचे लाने की कोशिश की…। जिसका बड़ा असर ये हुआ कि बीजेपी ने 2014 में अकेले 282 सीटों के साथ 31 फीसदी वोट पाए…। 2019 के चुनाव में भी पैटर्न जारी रहा और बीजेपी अकेले 303 सीटें मिली जबकि वोट प्रतिशत 37 फीसदी रहा। लेकिन 24 के चुनाव में विपक्ष ने एकजुट होकर बीजेपी के हिन्दुत्व के मुद्दे पर सीधा हमला बोला…और धर्म को छोड़कर आरक्षण…जाति और संविधान के नारे को हवा दे दी।
अखिलेश यादव ने PDA समीकरण से बीजेपी पर हमला बोला
महाराष्ट्र में विपक्ष ने मराठा आंदोलन और ओबीसी के बीच ग्रामीण संकट का लाभ उठाया। राजस्थान में विपक्ष ने जातीय समीकरण को BJP के खिलाफ हवा दी।2024 में विपक्ष की एकजुटता और धर्म पर जातीय समीकरण का खेल 1989 की याद दिलाता है। जब पिछड़ी जाति और आरक्षण के नाम पर वी पी सिंह ने खेल खेला था।
जिसका असर 2004 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला।जैसे चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी अपने काम के आधार पर कॉन्फिडेंस से लवरेज रही…वैसे ही 2004 में ‘इंडिया शाइनिंग’, ‘भारत उदय’ और ‘फील गुड’ नारे से बीजेपी का कॉन्फिडेंस हाई रहा लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए…तो बड़े से बड़े राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया।अब सवाल यही उठता है कि क्या सभी जातीयों को एक जुट कर मोदी ने जो पैटर्न बदला था…क्या अब वो टूट चुका है…? क्या आने वाले चुनावों पर भी जीत के लिए जाति का जोर होगा।