Pension Big Update: हरियाणा की भाजपा सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों को बड़ा तोहफा दिया है। आपात स्थिति के दौरान लड़ाई वालों की पेंशन 10,000 रुपये से बढ़कर 20,000 रुपये हो गई है।
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X’ पर पोस्ट किया कि नई पेंशन 1 जुलाई से लागू की जाएगी। यह घोषणा ऐसे वक्त में की गई है जब हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने लोकसभा चुनाव (loksabha election) में आधी सीटें हारने के बाद विधानसभा चुनाव जीतने की तैयारिया शुरू कर दी है। हिंदी आंदोलन 1957 के मातृभाषा सत्याग्रही और आपातकाल के सत्याग्रही स्वतंत्रता सेनानियों (Satyagrahi Freedom Fighters ) को हरियाणा सरकार की तरफ से तोहफा दिया गया हैं। सरकार ने उनकी मासिक पेंशन बढ़ा दी है। बढ़ी हुई पेंशन 1 जुलाई 2024 से लागू होगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र और संविधान की गरिमा को बचाने के लिए संघर्ष करने वाले सत्याग्रहियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री के मुताबिक आपातकाल के दौरान जो भयावहता और ज्यादतियां हुईं, उन्हें आज भी भुलाया नहीं जा सका है।
इन लोगो की पेंशन हुई डबल
उन्होंने दावा किया कि लोकतंत्र के लिए काम करने वाले इन कार्यकर्ताओं के सम्मान में हरियाणा सरकार ने कई पहल की हैं। दिसंबर 2017 में हरियाणा राज्य शुभ ज्योत्सना पेंशन योजना शुरू की गई थी। इसके तहत 501 लोकतंत्र सेनानियों और उनकी विधवाओं को मासिक पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 2024 से उनकी पेंशन 10,000 रुपये से दोगुनी होकर 20,000 रुपये प्रति माह हो जाएगी। इसके अलावा, हरियाणा रोडवेज की नियमित बसों में मुफ्त यात्रा और वोल्वो बसों में 75% किराए में छूट मिलती है। आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया जाता है।
इस दिन से लागू होगी बढ़ी हुई पेंशन
मुख्यमंत्री ने बताया 1 जुलाई, 2024 से मासिक पेंशन में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा. आपात स्थिति के दौरान लड़ाई वालों की पेंशन 10,000 रुपये से बढ़कर 20,000 रुपये हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom Fighters ) व उनके आश्रितों को दी जाने वाली सम्मान पेंशन की राशि भी 25,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी है। प्रदेश में कुल 289 स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों (Dependents) को मासिक पेंशन दी जा रही है।
सात साल पहले भाजपा ने किया था पेंशन देने का फैसला
आपको बता दें कि तत्कालीन पंजाब के हिंदी भाषी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी मातृभाषा को सम्मान देने और बढ़ावा देने के लिए 1957 में एक अभियान शुरू किया था। उन्हें ‘मातृभाषा सत्याग्रही’ के नाम से जाना जाता है। करीब 7 साल पहले, हरियाणा की BJP सरकार ने राज्य के उन निवासियों को मासिक पेंशन देने का फैसला किया था जो जून 1975 से मार्च 1977 के बीच आपातकाल के दिनों में ‘पीड़ित’ थे और जेल गए थे। आपातकाल की 49वीं बरसी पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोला।