देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य की दो महत्वपूर्ण योजनाओं के नाम बदल दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर योजनाओं का नाम आसान किया गया है, ताकि इनका फायदा ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों तक पहुँच सके। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
‘ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना’ अब ‘ग्रामोत्थान योजना’
उत्तराखंड सरकार ने 2021-22 में ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योग स्थापित करने और ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिए ‘ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना’ शुरू की थी। अब इसका नाम बदलकर ‘ग्रामोत्थान योजना’ कर दिया गया है। इस योजना का मकसद गरीब ग्रामीण परिवारों को छोटे उद्योगों के जरिए आय का साधन देना है।
इस योजना के तहत ग्रामीणों को फूड प्रोसेसिंग और हैचरी यूनिट जैसे छोटे उद्योग शुरू करने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। कुल लागत का 50% बैंक लोन के रूप में, 20% लाभार्थी के हिस्से से, और 30% सरकार द्वारा दिया जाता है।
‘रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर योजना’ अब ‘मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना’
इसी तरह, ‘रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर योजना’ का नाम बदलकर ‘मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना’ कर दिया गया है। इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को रोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के तहत नए स्टार्टअप्स और छोटे उद्योगों को आर्थिक मदद, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाता है ताकि वे अपने व्यावसायिक लक्ष्यों को हासिल कर सकें। यह योजना ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है।
नाम बदलने का मकसद
धामी सरकार का मकसद इन योजनाओं का नाम आसान बनाकर इन्हें ग्रामीणों के लिए ज्यादा उपयोगी बनाना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।