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मुझे जेल में मरने दिया जाए…. जेट एयरवेज के फाउंडर कोर्ट के सामने गिड़गिड़ाने को क्यों हुए मजबूर

Naresh Goyal: जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल इस वक्त केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में बुरी तरह फंसे हुए हैं। वह बीते कल यानि 6 जनवरी शनिवार के दिन स्पेशल कोर्ट के समक्ष पेशी के दौरान भावुक हो गए थे। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में आर्थर रोड जेल में रखा गया है।

वक्त कभी भी बदल सकता है। जेट एयरवेज (Jet Airways) के फाउंडर नरेश गोयल (Naresh Goyal) इस वक्त केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के केस में फंसे हुए हैं। वह कल यानी शनिवार को स्पेशल कोर्ट के समक्ष पेशी के दौरान भावुक हो गए। आंखों में आंसू लिए बोले- मैं जिंदगी की हर उम्मीद छोड़ चुका हूं। ऐसी स्थिति में जीने से अच्छा होता कि जेल में ही मुझे मौत आ जाए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नरेश गोयल को 1 सितंबर को गिरफ्तार किया था। नरेश गोयल (Naresh Goyal) पर बैंक फ्रॉड के आरोप लगे हैं। ED ने उन पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के तहत कार्रवाई की थी, उन्हें न्यायिक हिरासत में आर्थर रोड जेल में रखा गया है। कुछ साल पहले तक सैकड़ों करोड़ रुपयों में खेलने वाले नरेश गोयल (Naresh Goyal) आज जेल की सलाखों के पीछे हैं। नरेश गोयल एक समय पर 300 रुपये की नौकरी किया करते थे। आईए जानते हैं उनके जेट एयरवेज के मालिक बनने से फर्श पर पहुंचने की पूरी कहानी।

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करते थे 300 रुपये की नौकरी

नरेश गोयल 18 साल की उम्र में बिल्कुल खाली हाथ दिल्ली पहुंचे थे। यह बात साल 1967 की है। पटियाला में गोयल का परिवार गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था। गोयल अपने परिवार की आर्थिक तंगी खत्म करना चाहते थे। उस समय उन्होंने कनॉट प्लेस की एक ट्रैवल एजेंसी में नौकरी की। यह एजेंसी उनके चचेरे नाना चला रहे थे। गोयल को यहां 300 रुपये महीने मिलते थे। धीरे-धीरे वे ट्रैवल इंडस्ट्री में अपने पांव पसारने लगे।

ऐसे शुरू किया खुद का बिजनेस

साल 1973 में नरेश गोयल (Naresh Goyal) ने खुद की ट्रैवल एजेंसी खोल ली। इसे उन्होंने जेट एयर नाम दिया। जब गोयल पेपर टिकट लेने Airlines कंपनियों के ऑफिस जाया करते तो वहां लोग उनका यह कहकर मजाक उड़ाते कि अपनी ट्रैवल एजेंसी का नाम Airlines company जैसा रखा है। उस समय गोयल कहा करते थे कि एक दिन वह खुद की एयरलाइन कंपनी भी जरूर खोलेंगे।

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साल 1991 में पूरा हुआ सपना

नरेश गोयल (Naresh Goyal) का यह सपना साल 1991 में पूरा हो गया। इस साल उन्होंने एयर टेक्सी के रूप में जेट एयरवेज की शुरुआत कर दी। एक साल बाद अपनी जेट ने चार जहाजों का एक बेड़ा बना लिया और jet aircraft की पहली उड़ान शुरू हो गई। 2007 में एयर सहारा को टेकओवर करने के बाद 2010 तक जेट एयरवेज देश की सबसे बड़ी एयरलाइन थी। कई साल तक सबकुछ अच्‍छा चला, लेक‍िन उनकी कंपनी के लिए मुसीबतें बढ़ने लगीं और मार्च 2019 में उन्‍हें अपने पद से हटना पड़ा। इसके बाद 2019 में उन्‍होंने अपनी पत्‍नी अनीता गोयल के साथ जेट एयरवेज के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया, लेक‍िन उनकी मुश्‍क‍िलें यहीं खत्‍म नहीं हुईं। जेट एयरवेज का संचालन भी बंद हो गया।

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ईडी का कसा शिकंजा

नरेश गोयल (Naresh Goyal) पर ED का शिकंजा कसता गया। गोयल समेत कई अन्‍य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज हुआ। द‍िल्‍ली से लेकर मुंबई तक उनके 8 ठ‍िकानों पर छापेमारी हुई और उनकी मुश्‍क‍िलें बढ़ती चली गईं। जांच एजेंसी ने अब canara bank की शिकायत पर नया केस दर्ज कर ल‍िया, जिसमें आरोप लगा क‍ि उसने जेट एयरवेज (INDIA) के ल‍िए 848.86 करोड़ का कर्ज मंजूर क‍िया था। इसमें से अभी भी 538.62 करोड़ रुपये बाकी हैं। इसके बाद नरेश गोयल (Naresh Goyal) की गिरफ्तारी बैंक फ्रॉड के केस में की गई।

Prachi Chaudhary

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