UP Ghaziabad News: एंजेल मॉल में क्लब मालिक और बाउंसरों की गुंडागर्दी, युवक पर जानलेवा हमला, मुकदमा दर्ज, घटना सीसीटीवी में कैद
कौशांबी स्थित एंजेल मॉल में क्लब मालिक और बाउंसरों की दबंगई का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
UP Ghaziabad News: कौशांबी स्थित एंजेल मॉल में क्लब मालिक और बाउंसरों की दबंगई का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 11 नवंबर की रात करीब 1 बजे, CA नितिन चौधरी, जोकि जो राजनगर एक्सटेंशन के निवासी है, अपने कार्यालय पहुंचते हैं। बेसमेंट में गाड़ी पार्किंग के दौरान, मॉल के एक क्लब के मालिक रविंद्र और उनके 20 से अधिक बाउंसरों ने नितिन पर जानलेवा हमला कर दिया।
हमला और जान बचाने की जद्दोजहदः
पीड़ित CA नितिन ने बताया कि वह पार्किंग में अपनी गाड़ी पार्क कर रहे थे तभी एक व्यक्ति से गाड़ी हटाने को कहा तो उसने गाली देनी शुरू कर दी थोड़ी देर बाद क्लब मालिक और बाउंसरों ने CA को अचानक से घेरकर उसे पीटना शुरू कर दिया। लात-घूंसों से मारने के साथ-साथ उसे जमीन पर घसीटा गया। हमले में नितिन को गंभीर चोटें आईं। अपनी जान बचाने के लिए वह किसी तरह वहां से भागने में सफल रहा।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई:
वहीं चार्टेड अकाउंटेंट नितिन ने कौशांबी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए क्लब मालिक रविंद्र और उनके बाउंसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। उन पर मारपीट, जान से मारने की धमकी और शारीरिक क्षति पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं।
मामले की जांच जारीः
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। साथ ही, मॉल में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की जा रही है। मारपीट का सीसीटीवी फुटेज में घटना के दृश्य कैद हैं, जिसमें मारपीट की झलक साफ दिखाई देती है।
स्थानीय लोगों में आक्रोशः
इस घटना ने स्थानीय निवासियों में गहरा आक्रोश भर दिया है। लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जबकि पहले भी मॉल में ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता के कारण दबंगों के हौसले बुलंद हैं।
प्रशासन पर सवाल:
मॉल जैसी जगह पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी, क्लब मालिकों की दबंगई और बाउंसरों का दुरुपयोग गाजियाबाद की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी है। क्या प्रशासन इन सवालों का जवाब देगा, या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?