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Container that killed 6 students: देहरादून: 6 छात्रों की जान लेने वाले कंटेनर का फिटनेस सर्टिफिकेट 2013 में हो चुका था खत्म, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

देहरादून: 6 छात्रों की जान लेने वाले कंटेनर का फिटनेस सर्टिफिकेट 2013 में हो चुका था खत्म, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

container that killed 6 students: देहरादून के ओएनजीसी चौक पर हुए भीषण सड़क हादसे में 6 छात्रों की दर्दनाक मौत के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यह हादसा सोमवार, 11 नवंबर की देर रात हुआ था, जब तेज रफ्तार इनोवा कार एक कंटेनर से टकराने के बाद पेड़ से जा भिड़ी। इस भीषण टक्कर में मौके पर ही 6 छात्रों की मौत हो गई, जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।

हादसे की भयावहता


इस हादसे में इनोवा की छत पूरी तरह टूट गई। कार में ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे कुणाल कुकरेजा और उसके पीछे बैठी गुनीत के सिर धड़ से अलग होकर सड़क पर जा गिरे। अन्य चार छात्रों की भी मौके पर मौत हो गई। हादसे में घायल छात्र सिद्धेश का इलाज चल रहा है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि इनोवा कार हाल ही में 30 अक्टूबर को धनतेरस पर खरीदी गई थी।

कंटेनर के दस्तावेजों का बड़ा खुलासा


हादसे में शामिल कंटेनर के बारे में खुलासा हुआ है कि उसका फिटनेस सर्टिफिकेट 16 अगस्त 2013 को खत्म हो गया था। नेशनल परमिट 10 अगस्त 2015 को समाप्त हो चुका था, और बीमा भी 31 मार्च 2015 से नहीं था। यह कंटेनर हरियाणा के गुरुग्राम आरटीओ में 2009 में पंजीकृत हुआ था, और बाद में इसे उत्तर प्रदेश के खतौली निवासी को बेच दिया गया था।

आरटीओ प्रवर्तन अधिकारी शैलेश तिवारी ने बताया कि यह कंटेनर सड़क पर चलने योग्य नहीं था। इसके रिफ्लेक्टर, साइड इंडिकेटर और बैक लाइट भी काम नहीं कर रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि यह कंटेनर सिर्फ एक कैंपस से दूसरे कैंपस तक चलने के लिए फिट था, लेकिन रात में इसका अवैध रूप से संचालन किया जा रहा था।

सीसीटीवी कैमरे से हादसे की रिकॉर्डिंग नहीं हुई


ओएनजीसी चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरे इस हादसे को रिकॉर्ड नहीं कर पाए। जांच में पता चला कि 11 नवंबर की रात करीब 11 बजे कैमरे की रिकॉर्डिंग बंद हो गई थी और अगले दिन सुबह 10 बजे अपने आप शुरू हो गई। इस तकनीकी खामी को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई और अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा


घायल छात्र सिद्धेश के पिता विपिन कुमार अग्रवाल ने कैंट कोतवाली में अज्ञात कंटेनर चालक के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कंटेनर चालक की तलाश शुरू कर दी है। जांच के लिए पुलिस की टीम को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और खतौली भेजा गया है।

सिद्धेश की गवाही का इंतजार


हादसे का एकमात्र गवाह घायल छात्र सिद्धेश है, जो फिलहाल होश में नहीं है। पुलिस और मृतक छात्रों के परिजनों को सिद्धेश के होश में आने का इंतजार है, ताकि वह इस हादसे के बारे में जानकारी दे सके।

हादसे के बाद परिवहन विभाग पर उठे सवाल


यह हादसा केवल चालक की लापरवाही का ही मामला नहीं है, बल्कि परिवहन विभाग की उदासीनता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। फिटनेस, बीमा और परमिट खत्म होने के बावजूद कंटेनर सड़क पर कैसे चल रहा था, यह जांच का विषय है। आरटीओ की नियमित चेकिंग के अभाव में ऐसे वाहन मौत का कारण बनते जा रहे हैं।

समाज के लिए सबक


यह दर्दनाक हादसा तेज रफ्तार, लापरवाही और नियमों के उल्लंघन का परिणाम है। इसने न केवल 6 परिवारों को शोक में डुबो दिया, बल्कि राज्य के परिवहन और प्रशासनिक तंत्र की कमजोरियों को भी उजागर किया। अब सवाल यह है कि क्या ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

मेरा नाम मानसी नेगी है और मैं न्यूज वॉच इंडिया" की लेखिक हूँं। मैं एक पत्रकार और सामयिक विषयों पर विश्लेषक हूं। इस ब्लॉग के माध्यम से, मेरा उद्देश्य आपको ताजातरीन और विश्वसनीय खबरें प्रदान करना है, ताकि आप हर महत्वपूर्ण घटना से अपडेट रहें। मुझे राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों पर लिखना पसंद है और मैं हमेशा निष्पक्षता और सत्य के साथ खबरें पेश करने का प्रयास करता हूँ।

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