Shamli Encounter News: यूपी में बड़ा एनकाउंटर, UP STF ने एक साथ 4 बदमाशों को किया ढेर!
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संवेदनशील शामली जिले में आज एक बड़ी मुठभेड़ घटी, जिसने इलाके को दहला दिया। यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने कई आपराधिक मामलों में वांछित एक इनामी बदमाश अरशद समेत उसके अन्य साथियों को ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ शामली जिले के झिंझाना इलाके में हुई। एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, इस मुठभेड़ में कुल चार बदमाश मारे गए हैं, जबकि एक एसटीएफ इंस्पेक्टर घायल हो गया है।
Shamli Encounter News: शामली में हुई मुठभेड़ में यूपी एसटीएफ मेरठ दस्ते ने कग्गा गैंग के चार सदस्यों को मार गिराया, जिनमें एक लाख रुपये का इनामी बदमाश अरशद भी शामिल था। कग्गा गैंग का पश्चिमी यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड में आतंक, जिसके चलते पुलिस थानों के गेट रात में बंद रहते थे।
शामली के झिंझाना क्षेत्र में कल देर रात हुई मुठभेड़ में यूपी एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने एक लाख रुपये के इनामी कग्गा गैंग के बदमाश समेत चार लोगों को मार गिराया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में कग्गा गैंग का आतंक ऐसा था कि रात्रि के समय पुलिस थानों के गेट पर ताले लगने लगे थे। इस गैंग ने अपराध की दुनिया में ऐसा खौफ पैदा किया कि व्यापारी और आम जनता के साथ पुलिस सभी कांपते थे।
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कग्गा गिरोह का एक प्रमुख सदस्य अरशद पर 17 बड़े मुकदमे चल रहे हैं। इन मामलों में हत्या, लूट और डकैती शामिल हैं। पहला मामला 2011 में डकैती का दर्ज हुआ था। इसके बाद सहारनपुर के रामपुर मनिहारन क्षेत्र में उसने हत्या की। हाल ही में 29 नवंबर 2024 को अरशद ने भारत फाइनेंस कंपनी में अपने साथियों के साथ लूटपाट की थी।
अरशद पर बढ़ा था इनाम
लूट के बाद पुलिस ने 3 बदमाशों को हिरास्त में ले लिया, मगर अरशद और 3 अन्य फरार हो गए। अरशद की आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए सहारनपुर पुलिस ने उस पर 25,000 रुपये का इनाम रखा था, जिसे 19 दिसंबर 2024 को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया। एसटीएफ और पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई थी, लेकिन अरशद पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था।
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मंजीत था हत्या का दोषी, पैरोल पर फरार
गिरोह के एक अन्य कुख्यात सदस्य मंजीत दहिया को 2021 में की गई एक हत्या के लिए 20 साल की जेल की सजा दी गई थी। 5 महीने पहले मंजीत पैरोल पर जेल से बाहर आया, लेकिन वापस नहीं लौटा। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी, लेकिन वह भी गैंग के साथ जुड़कर अपराध को अंजाम देने लगा।
कग्गा गैंग का इतिहास और आतंक
आपको बता दें कग्गा गैंग की शुरुआत 2011 में सहारनपुर (saharanpur) के बाड़ी माजरा गांव के मुस्तफा उर्फ कग्गा ने की थी। इस गैंग में मुकीम काला ने भी प्रवेश किया और वह कग्गा का दायां हाथ बन गया। मुस्तफा के अपराधों में शामिल होने के बाद पुलिस से उसकी दुश्मनी बढ़ी। मुस्तफा ने मुजफ्फरनगर की झिझाना चौकी पर तैनात एक सिपाही की हत्या कर दी थी। 2011 में पुलिस ने एनकाउंटर में कग्गा को मार गिराया, जिसके बाद गैंग की कमान मुकीम काला ने संभाल ली।
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पुलिस और जनता पर खौफ
कग्गा गैंग का खौफ इतना था कि 2010 के दौर में पश्चिम यूपी के कई थानों में रात के समय ताले लगा दिए जाते थे। रिटायर्ड पुलिसकर्मियों के अनुसार, उस वक्त इस गैंग का आतंक व्यापारियों और पुलिस के बीच भय का माहौल पैदा कर चुका था। कग्गा गैंग के अपराधों और खौफ ने पश्चिम यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड के लोगों को लंबे समय तक दहशत में रखा। हालांकि पुलिस की लगातार कोशिशों से इस गैंग की शक्ति कमजोर हो रही है, लेकिन इसके अपराधों की दास्तां आज भी लोगों को सिहरने पर मजबूर कर देती है।
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