Rajasthan News: मणिशंकर अय्यर के बयान पर कांग्रेस में घमासान, अशोक गहलोत बोले – ‘ऐसा बयान कोई सिरफिरा ही दे सकता है’
Rajasthan News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने मणिशंकर अय्यर के राजीव गांधी को लेकर दिए गए बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है। गहलोत ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि इस तरह के बयान कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ हैं और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा बयान केवल एक सिरफिरा व्यक्ति ही दे सकता है। गहलोत ने यह भी कहा कि पार्टी के नेताओं को इस तरह की टिप्पणियां करने से पहले संगठन की प्रतिष्ठा और छवि के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।
Rajasthan News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर दिए गए बयान ने कांग्रेस पार्टी के भीतर विवाद खड़ा कर दिया है। इस बयान पर पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और अय्यर के बयान को गैर-जिम्मेदाराना और कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि “ऐसा बयान कोई सिरफिरा ही दे सकता है।” गहलोत ने जोर देकर कहा कि इस तरह की बयानबाजी से कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचता है और पार्टी नेताओं को ऐसे बयान देने से पहले गंभीरता से विचार करना चाहिए।
मणिशंकर अय्यर ने राजीव गांधी की शिक्षा और प्रधानमंत्री बनने की योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि “राजीव गांधी दो बार कॉलेज में फेल हुए थे, फिर भी उन्हें देश का प्रधानमंत्री बना दिया गया।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिससे कांग्रेस पार्टी असहज स्थिति में आ गई।
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गहलोत ने क्यों साधा अय्यर पर निशाना?
गुरुवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने मणिशंकर अय्यर के बयान पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “जिस तरह से मणिशंकर अय्यर ने राजीव गांधी को लेकर बयान दिया है, यह हताशा और फ्रस्ट्रेशन की पराकाष्ठा है।”
गहलोत ने यह भी कहा कि राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाई थी और उनके कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक कानून पारित किए गए थे। उन्होंने कहा कि “एक जिम्मेदार नेता से इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जा सकती।”
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मणिशंकर अय्यर ने क्या कहा था?
बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बयान में कहा कि “पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी दो बार कॉलेज में फेल हुए थे, फिर भी उन्हें देश का प्रधानमंत्री बना दिया गया।” अय्यर की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और भाजपा ने इसे तुरंत भुनाने की कोशिश की।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अय्यर के बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि “जिस राजीव गांधी को कांग्रेस सूचना क्रांति का जनक बताती है, उनकी खुद की शिक्षा को उनकी ही पार्टी के नेता चुनौती दे रहे हैं।”
कांग्रेस नेताओं में फूटा गुस्सा
मणिशंकर अय्यर के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस सांसद दानिश अली ने कहा कि “राजीव गांधी को देश में आईटी क्रांति और आधुनिकीकरण लाने के लिए याद किया जाता है। उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था की भी शुरुआत की थी, जिससे देश में लोकतंत्र को मजबूती मिली।”
कांग्रेस के ही एक अन्य नेता नाना पटोले ने तो अय्यर की मानसिक स्थिति पर ही सवाल उठाते हुए कहा, “अय्यर का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। कांग्रेस पार्टी को ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान देने वाले नेताओं पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
राजीव गांधी की विरासत पर कांग्रेस का रुख
कांग्रेस हमेशा से राजीव गांधी को सूचना क्रांति का जनक, पंचायती राज व्यवस्था के निर्माता और भारत के आधुनिकीकरण के अग्रदूत के रूप में प्रस्तुत करती आई है। राजीव गांधी के कार्यकाल में ही भारत में आईटी और टेलीकॉम सेक्टर का विस्तार हुआ, जिससे आज देश डिजिटल क्रांति के इस मुकाम तक पहुंचा है।
उनके कार्यकाल के दौरान मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष की गई थी, जिससे युवा मतदाताओं को राजनीति में अधिक भागीदारी का अवसर मिला। इसके अलावा, पंचायती राज व्यवस्था लागू करने का श्रेय भी राजीव गांधी को जाता है, जिससे जमीनी स्तर पर प्रशासनिक सुधार हुए।
मणिशंकर अय्यर का विवादों से पुराना नाता
यह पहली बार नहीं है जब मणिशंकर अय्यर अपने बयान को लेकर विवादों में आए हैं। इससे पहले भी उन्होंने कई बार विवादित टिप्पणियां की हैं, जिनसे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हुआ है।
2014 लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि “चायवाला कभी देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता।” बाद में भाजपा ने इस बयान को अपनी चुनावी रणनीति में शामिल कर लिया और ‘चाय पर चर्चा’ अभियान चलाया, जिससे मोदी को आम जनता से जबरदस्त समर्थन मिला।
2017 गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी को “नीच किस्म का आदमी” कह दिया था, जिसके बाद कांग्रेस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और बाद में पार्टी को इस बयान से खुद को अलग करना पड़ा।
अब एक बार फिर अय्यर का बयान कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनता दिख रहा है।
कांग्रेस के लिए संकटमोचक या सिरदर्द?
मणिशंकर अय्यर कांग्रेस पार्टी के पुराने और अनुभवी नेता हैं, लेकिन उनके बेलगाम बयानों से पार्टी को बार-बार नुकसान उठाना पड़ता है। कांग्रेस नेतृत्व को यह तय करना होगा कि क्या अय्यर जैसे नेताओं को पार्टी में बनाए रखना उचित है, या फिर उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
इस बीच, भाजपा इस पूरे विवाद को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं और समर्थकों ने अय्यर के बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला बोल दिया है।
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