Sanatan Spirit of Holi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: “सनातन धर्म की परंपराएँ अनमोल, होली से मिली एकता की प्रेरणा”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली के सनातन भाव को रेखांकित करते हुए इसे एकता और सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की परंपराएँ अद्वितीय हैं, और होली जैसे पर्व समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं। गोरखनाथ मंदिर में हुए समारोह ने भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत की जीवंतता को दर्शाया।
Sanatan Spirit of Holi: गोरखपुर, 14 मार्च 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित होली मिलन समारोह में सनातन धर्म की महानता और उसकी समृद्ध परंपराओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह धर्म समाज को जोड़ने का काम करता है और इसके पर्व-त्योहार विश्व में अपनी मिसाल आप हैं।
होली ने दिया विरोधियों को जवाब
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म को बदनाम करने का प्रयास करते हैं और इसे जाति, संप्रदाय एवं क्षेत्र के आधार पर बांटने की कोशिश करते हैं। लेकिन होली के पर्व ने दिखा दिया कि समाज के सभी वर्गों के लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर इसे मनाते हैं, रंगों में सराबोर होते हैं और समरसता का संदेश देते हैं। यह हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।
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महाकुंभ और होली ने दिखाई सनातन धर्म की शक्ति
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि सनातन धर्म की जड़ें कितनी गहरी हैं। होली के माध्यम से भी यह स्पष्ट हुआ कि भारत का समाज इन परंपराओं से मजबूती से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस धर्म पर सवाल उठाते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि सनातन संस्कृति के बिना भारतीयता की कल्पना अधूरी है।
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गुलामी के दौर में भी कायम रही परंपराएँ
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने कई आक्रमणों और गुलामी का सामना किया, लेकिन इसके बावजूद हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएँ कभी समाप्त नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि विदेशी ताकतों ने होली, दीपावली और अन्य पर्वों को समाप्त करने का प्रयास किया, लेकिन सनातन धर्मावलंबियों की आस्था के कारण वे कभी सफल नहीं हो पाए।
सनातन धर्म की विरासत को संजोने की अपील
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें अपनी पर्व-परंपराओं को संजोकर रखना होगा और इन्हें रूढ़िवादी सोच से दूर रखते हुए आधुनिकता के साथ समायोजित करना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को लेकर गर्व महसूस करेंगे, तब तक कोई भी शक्ति हमें कमजोर नहीं कर सकती।
होली का संदेश: एकता और समरसता
मुख्यमंत्री ने कहा कि होली सिर्फ रंगों का पर्व नहीं है, बल्कि यह एकता, भाईचारे और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। यह पर्व जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर पूरे समाज को एक सूत्र में बांधता है। उन्होंने कहा कि “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की अवधारणा तभी साकार होगी जब हम अपनी परंपराओं को अपनाकर आगे बढ़ेंगे।
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होली मिलन समारोह में बड़ी संख्या में शामिल हुए लोग
इस कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, काशी के प्रसिद्ध संत सतुआ बाबा सहित अन्य धर्मगुरु, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। सभी ने मिलकर एक-दूसरे को गुलाल लगाया और होली की शुभकामनाएँ दीं।
सनातन परंपरा की अद्वितीयता
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में शायद ही कोई अन्य धर्म या संस्कृति होगी, जिसमें सनातन धर्म की तरह विविध पर्व और उत्सव मनाने की परंपरा हो। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराओं को बचाकर रखना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व और आत्मगौरव का आधार हैं।
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि होली जैसे त्योहार हमें यह याद दिलाते हैं कि भारत की ताकत इसकी सांस्कृतिक विविधता और आपसी सौहार्द में है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपनी परंपराओं को सहेजें और समाज में एकता व समरसता बनाए रखें, जिससे देश की शक्ति और प्रतिष्ठा निरंतर बढ़ती रहे।
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