Gold Price Surge: अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और कमजोर डॉलर के चलते सोने की कीमतों में उछाल, साप्ताहिक बढ़त 6.50% तक पहुंची
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बढ़ने और कमजोर डॉलर के चलते सोने की कीमतों में तेज़ उछाल दर्ज हुआ है। बीते सप्ताह सोने ने 6.50% की साप्ताहिक बढ़त के साथ नया रिकॉर्ड बनाया है। फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती ने भी निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है।
Gold Price Surge: वैश्विक बाजारों में भू-राजनीतिक तनाव, कमजोर अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की अटकलों के चलते सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी गई है। बीते सप्ताह सोने की कीमतों में 6.50% की साप्ताहिक बढ़त दर्ज की गई, जो हालिया वर्षों में सबसे बड़ी बढ़तों में से एक मानी जा रही है। निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश यानी सेफ हेवन एसेट्स की ओर बढ़ रहा है, जिससे सोने की मांग लगातार तेज हो रही है।
व्यापार युद्ध ने बढ़ाई अनिश्चितता, सोना फिर बना निवेशकों की पहली पसंद
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनावों ने वैश्विक आर्थिक माहौल को अस्थिर कर दिया है। दोनों देशों के बीच लग रहे नए टैरिफ, आयात-निर्यात प्रतिबंध और कठोर बयानबाज़ी ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इस अनिश्चितता के बीच सोना एक बार फिर सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में उभर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि व्यापार युद्ध से वैश्विक आर्थिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, जिससे निवेशक इक्विटी और जोखिम वाले बाजारों से धन निकालकर सोने में निवेश कर रहे हैं।
डॉलर में कमजोरी ने भी बढ़ाई सोने की चमक
अमेरिकी डॉलर में कमजोरी भी सोने की कीमतों में उछाल का एक प्रमुख कारण है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट के कारण अन्य मुद्राओं के मुकाबले डॉलर कमजोर हुआ है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों को बल मिला है।
कमजोर डॉलर से सोना सस्ता होता है और यह अन्य देशों के निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन जाता है। यही कारण है कि हाल के दिनों में सोने की अंतरराष्ट्रीय मांग में भारी इजाफा देखा गया है।
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती की उम्मीदें बढ़ीं
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना भी सोने की तेजी के पीछे एक अहम वजह है। निवेशकों को उम्मीद है कि अमेरिका में आर्थिक सुस्ती के संकेतों को देखते हुए फेड अपनी मौद्रिक नीति में नरमी ला सकता है।
कम ब्याज दरों का मतलब होता है कि सोने जैसी गैर-ब्याज देने वाली संपत्तियों की ओर निवेशकों का रुझान बढ़ता है। यही कारण है कि फेड की दर कटौती की संभावनाओं ने सोने के दाम को और अधिक मजबूती दी है।
घरेलू बाजार में भी सोना बना निवेशकों का पसंदीदा
भारतीय बाजार की बात करें तो यहां भी सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। सर्राफा बाजारों में सोने के भाव नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। देश में चल रहे चुनावी माहौल, वैश्विक अनिश्चितता और रुपये में उतार-चढ़ाव ने भी निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में अगर वैश्विक हालात में सुधार नहीं होता है, तो सोने की कीमतें और भी ऊपर जा सकती हैं।
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निवेशकों के लिए क्या है सलाह?
वित्तीय विशेषज्ञों की मानें तो मौजूदा हालात में सोना दीर्घकालिक निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प साबित हो सकता है। हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों को इसमें उतार-चढ़ाव की संभावना को ध्यान में रखकर ही कदम उठाना चाहिए।
अगर अमेरिकी फेड ब्याज दरों में कटौती करता है और व्यापार युद्ध और अधिक गहराता है, तो सोने की कीमतें 10-15% तक और बढ़ सकती हैं।
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सोना एक बार फिर वैश्विक और घरेलू निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव, कमजोर डॉलर और फेड की संभावित नीति नरमी ने इस कीमती धातु को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। आने वाले हफ्तों में बाजार की दिशा और वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर रखना बेहद जरूरी होगा।
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