UP NEWS: कोर्ट की फटकार पर हटाए गए कोतवाल को मिला मलाईदार थाना, पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल
UP NEWS: कोर्ट की फटकार पर हटाए गए कोतवाल को मिला मलाईदार थाना, पुलिस प्रशासन पर उठे सवालहाईकोर्ट की सख्त फटकार के बाद सदर कोतवाल को हटाने का आदेश तो पालन हुआ, लेकिन हटाए गए कोतवाल प्रमोद कुमार मिश्र को उन्नाव के सबसे अहम और मलाईदार थानों में शुमार गंगाघाट कोतवाली का चार्ज सौंप दिया गया। इससे पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कोर्ट की सख्ती, लेकिन प्रशासन की नरमी
लखनऊ हाईकोर्ट की खंडपीठ – जस्टिस राजन राय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला – ने मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस पर गंभीर टिप्पणियाँ करते हुए कहा कि “जनता में पुलिस की छवि बनी रहनी चाहिए”, और एसपी को आदेश दिया कि कोतवाल को हटाया जाए एवं जांच एक राजपत्रित अधिकारी से कराई जाए।
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पूरा मामला क्या है?
आवास विकास कॉलोनी निवासी सुशील कुमार शुक्ल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उन्होंने कानपुर-लखनऊ हाईवे स्थित गदनखेड़ा के पास वसुंधरा रिसॉर्ट का निर्माण कराया था। आरोप है कि बीघापुर निवासी सुरेंद्र बाजपेई, उनके रिश्तेदार प्रभात शुक्ला समेत अन्य लोगों ने रिसॉर्ट के मेनगेट पर ताला डाल दिया। उस समय अंदर उनकी पत्नी, भाई, परिवार व स्टाफ मौजूद थे।
बीमार पत्नी को निकालने को हुआ संघर्ष
पीड़ित सुशील के अनुसार, उन्होंने कई बार पुलिस से मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 17 मार्च को उनकी पत्नी को रिसॉर्ट के अंदर ही अटैक आया। पुलिस को बुलाने के बावजूद ताला नहीं खुला। आखिरकार वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ ताला तोड़कर पत्नी को बाहर निकाला गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके उलट, पुलिस ने सुशील शुक्ला, उनकी पत्नी, भाई और अन्य पर ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।
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वीडियो सबूतों पर हाईकोर्ट सख्त
सुशील शुक्ल ने दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 9 अप्रैल को सुनवाई के दौरान वकील रत्नेश चंद्रा द्वारा पेश किए गए दो वीडियो क्लिप देखने के बाद हाईकोर्ट का रुख सख्त हो गया। वीडियो में सदर कोतवाल और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद था। कोर्ट ने सवाल किया कि पुलिस की मौजूदगी में ऐसी घटना कैसे हुई? एसपी दीपक भूकर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुए। कोर्ट ने उन्हें कोतवाल को हटाने और जांच कराने का आदेश दिया।
सदर कोतवाल को हटाकर मिला गंगाघाट का चार्ज
हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद प्रमोद मिश्र को हटाकर सीधे गंगाघाट कोतवाली, जो कि एक प्रमुख और संवेदनशील थाना है, का इंचार्ज बना दिया गया। इससे न्यायिक आदेशों के पालन पर सवाल उठने लगे हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर जांच रिपोर्ट पेश करने और एसपी को स्वयं उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया है।
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विद्यालय की जमीन पर भी विवाद, डीएम से की शिकायत
इस मामले से जुड़ा एक और पहलू भी सामने आया है। बीघापुर निवासी सुरेंद्र बाजपेई ने डीएम को प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया कि उनका विद्यालय श्री कमलापति इंटर कॉलेज की जमीन गदनखेड़ा में स्थित है, जिसे देखरेख के लिए सुशील शुक्ला और प्रभात शुक्ला को सौंपा गया था।
1.70 करोड़ रुपये में एग्रीमेंट का आरोप
सुरेंद्र बाजपेई ने आरोप लगाया कि सुशील शुक्ला ने फर्जीवाड़ा कर जमीन को नुरुल हक व फुरकान शाह से 1.70 करोड़ रुपये में एग्रीमेंट कर दिया। मामले में मुकदमा भी दर्ज कराया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने से सुशील शुक्ला ने कथित रूप से परिवार को दीवार से सीढ़ी लगाकर अंदर भेजा और हाई-वोल्टेज ड्रामा किया।
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प्रबंधक बाजपेई ने निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
उन्नाव में सामने आया यह प्रकरण पुलिस, प्रशासन और न्याय व्यवस्था के बीच संतुलन की गंभीर परीक्षा बन गया है। अदालत की सख्ती और पुलिस की ढील के बीच पीड़ित न्याय की आस लगाए बैठा है। अगली सुनवाई में एसपी की रिपोर्ट और कोर्ट का रुख यह तय करेगा कि इस मामले में वास्तविक न्याय मिलेगा या नहीं।
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